निर्धन बेसहारा बच्चों के लिए शैक्षिक महाक्रांति बनेगा पीडब्ल्यूएस शिक्षालय  — आर के पाण्डेय एडवोकेट

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निर्धन बेसहारा बच्चों के लिए शैक्षिक महाक्रांति बनेगा पीडब्ल्यूएस शिक्षालय  — आर के पाण्डेय एडवोकेट।

— 1 ईंट 1 रुपए से शिक्षालय निर्माण।

       परमशक्ति धाम, अयोध्या। मात्र 1 ईंट 1 रुपए के जन सहयोग से निर्माणाधीन पीडब्ल्यूएस शिक्षालय के कार्य योजना के बारे में पीडब्ल्यूएस प्रमुख आर के पाण्डेय एडवोकेट ने बताया कि यह मात्र एक शिक्षालय न होकर बल्कि समाज के सभी निर्धन बेसहारा बच्चों के लिए एक शैक्षिक महाक्रांति का केंद्र बनेगा।

      जानकारी के अनुसार श्रीराम जन्मभूमि मंदिर अयोध्या के समीप परमशक्ति धाम, गोरसरा शुक्ल में मात्र 1 ईंट 1 रुपए के जन सहयोग से निर्माणाधीन पीडब्ल्यूएस शिक्षालय के संदर्भ में आर के पाण्डेय एडवोकेट ने बताया कि 76 साल की लोकतांत्रिक व्यवस्था के बावजूद देश में आज भी अशिक्षा, अन्याय, भुखमरी जैसे अनेकों गंभीर समस्याएं हैं और इन सब के केंद्र में अशिक्षा एक प्रमुख बिंदु है। उन्होंने कहा कि यह बहुत ही विचारणीय है कि हमारे देश के शिक्षा विभाग, सरकारी संस्थान तथा विभिन्न प्रकार के सामाजिक संस्थाएं 76 वषों में शत प्रतिशत  साक्षरता क्यों नहीं दे सकीं? आज भी देश में खेलने कूदने पढ़ने की उम्र में बच्चे भीख मांगते नजर क्यों आते हैं? उन्होंने सवाल उठाया कि एक तरफ तो देश के अत्यंत अमीर और यहां तक कि अधिकांश आतंकवादियों के भी बच्चे विदेश में अच्छी शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं व अच्छे स्कूल में शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं वहीं दूसरी तरफ देश में आईसीएसई बोर्ड, आईएससी बोर्ड, सीबीएसई बोर्ड,  स्टेट बोर्ड, मदरसा बोर्ड, संस्कृत बोर्ड ना जाने कितने शैक्षिक बोर्ड हैं जिनसे शिक्षा में असमानता का माहौल है लेकिन इन सब के बीच सबसे बड़ी समस्या यह है कि आज भी देश में बहुत भारी संख्या में ऐसे निर्धन बेसहारा परिवार हैं जोकि अपने बच्चों को स्कूल भेजने का सपना भी नहीं देख पाते। ऐसे लोगों के सपने को पूरा करने का नाम है पीडब्ल्यूएस शिक्षालय प्रकल्प। आर के पाण्डेय ने बताया कि पीडब्ल्यूएस शिक्षालय की संकल्पना “देवालय से सामाजिक और शिक्षालय से राष्ट्रीय वैचारिक महाक्रांति” के विचार के साथ एक अद्वितीय महाक्रांतिकारी महाअभियान है जिसके साथ में पीडब्ल्यूएस शिक्षालय न सिर्फ़ भारतवर्ष बल्कि विश्व स्तर पर एक ऐसा आस्था का केंद्र बनेगा जो शिक्षा के मंदिर के रूप में आम जनमानस के बच्चों को बेहतर शिक्षा के साथ समाज के सभी निर्धन बेसहारा बच्चों को पूर्णतया निःशुल्क गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराते हुए भारतवर्ष को एक शिक्षित, विकसित, आत्मनिर्भर विश्वगुरु राष्ट्र बनाने में अपना पूरा सहयोग करेगा।