- हटा दमोह पुष्पेंद्र रैकवार कि रिपोर्ट
- हटा दमोह
- मायाचारी से कभी भी ऊंचाईयों को नहीं छूआ जा सकता है, यदि आपके अंदर ऋजुता, सरलता, सहजता का आभाव है तो आगे बढने के सारे रास्ते बंद हो जाते है। आज छलकपट
- आत्मा को छलनी कर रहा है। इंसान आगे बढने के होड़ में एक दुसरे को नीचा दिखाने में लगा हुआ है
- यही से पतन प्रारंभ होता है। यह बात आज श्री पार्ष्वनाथ दिगम्बर जैन बड़ा मंदिर में राष्ट्रीय संत आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज से दीक्षित आर्यिका रत्न श्री मृदुमति माता जी ने दशलक्षण धर्म के तीसरे दिन उत्तम आर्जव धर्म पर अपने मंगल प्रवचन देते हुए कही। उन्होने कहा कि जहां सहजता, सरलता, मृदुता के भाव दिखाई दे वही आर्जव धर्म है।
- इंसान का कार्यक्षे़त्र कोई भी हो उसे आगे बढने, प्रगति के लिए कभी भी धोखाधड़ी का सहारा नही लेना चाहिए। दूसरे को जो धोखा दिया जाता है वही समाने वाले को प्रभावित करे या न करे लेकिन स्वयं के साथ धोखा कर रहा है। यह तो आज आप सब देख ही रहे होगे कि अब न तो आप का डर है न ही बाप का डर रह गया था। मनुष्य भव तभी सार्थक है जब अपने जीवन में सरलता लाते है।
- पर्व के तीसरे दिन नगर के चारों जैन मंदिरों में अभिषेक शांतिधारा पूजन हुई। संगीतमय पूजन में सभी ने उत्साह के साथ अर्घ्घ समर्पित किये। बड़ा मंदिर में आर्यिका रत्न श्री मृदुमति माता जी के सानिध्य में कार्यक्रम चल रहे है वहीं श्री पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन त्रिमूर्ति मंदिर में आर्यिका श्री निर्णयमति माता जी के सानिध्य में विविध आयोजन चल रहे है।