अनुभव और जोश का मिश्रण है नया मंत्री मंडल
विकसित भारत का संकल्प ही एक मात्र नीति और मंत्र है : अविरल अमिताभ जैन
मध्य प्रदेश में लगातार पांचवीं बार भाजपा द्वारा सरकार बनाया जाना अपने आप में एक कीर्ति मन बन गया है। इतने बड़े प्रचंड बहुमत आने के बाद भी 18 साल से लगातार बने आ रहे मुख्य मंत्री शिवराज सिंह चौहान को हटा कर जोशीले और नवीन डॉक्टर मोहन यादव का मुख्य मंत्री बनाया जाना अपने आप में केंद्रीय नेतृत्व की मनसा को साफ करता है। नए मुख्यमंत्री बनते ही प्रदेश की जनता को अब उन नामों का इंतजार था की कोन होंगे इस नई सरकार के मंत्री गण और यह इंतजार बारह दिन बाद खत्म हुआ जब भाजपा के पितृ पुरुष भारत के पूर्व प्रधान मंत्री, भारत रत्न श्री अटल बिहारी वाजपेई जी के जन्मदिन, जिसे पूरे देश में सुशासन दिवस के रूप में मनाते है, 28 मंत्रियों ने शपथ ली। एक बार फिर भाजपा के आला कमान ने सभी तरह के कयासों को अलग करते हुए और जन मानस की भावना का ध्यान में रखते हुए ऐसा मंत्री मंडल भेजा जिसे देखर सभी को नवीनता का अनुभव हुआ। इन नामों के सामने आने के बाद राजनीतिक विश्लेषकों और पत्रकारों में भी एक खलबली सी मच गई और सब लोग अपने अपने ढंग से अपने नजरिए सामने रखने लगे। जिसमे सबसे ज्यादा इस विषय पर चर्चा सामने आई की पूर्व मुख्यमंत्री श्री चौहान के पसंदीदा लोगो को इस नई मंत्री मंडल से दूर किया गया है अर्थात उनका कद प्रदेश में छोटा करने की पूरी कोसिस की जा रही है।
हालाकि इस मंत्री मंडल विस्तार को इस नजरिए से हटकर देखने की जरूरत है। ये नया मंत्री मंडल बहुत ही सोच विचार कर और राजनीतिक परिपक्वता के बाद बनाया गया है। जिस प्रकार 18 कैबिनेट मंत्रियों में एक तरफ पुराने, अनुभवी और कर्मठ नेताओ को जगह दी गई है तो बही दूसरी तरफ नवीन, जोशीले और ऊर्जावान विधायको को भी अवसर मिला है। इस पूरे समीकरण में प्रदेश के सभी अंचलों का प्रतिनिधित्व हो इसका भी पूरा ध्यान दिया गया है। श्री कैलाश विजयवर्गीय, प्रह्लाद पटेल, विश्वास सारंग, कुंवर विजय शाह, राकेश सिंह जैसे भाजपा के बड़े नेताओं को केंद्र से राज्य में मंत्री पद पर लाना भाजपा की दूर दर्शी सोच का ही परिचायक है। क्योंकि एक तरफ से इन सभी बड़े नेताओं का अनुभव और कार्य क्षमता प्रदेश के विकास को दिशा देगी तो बही दूसरी ओर भाजपा की पीढ़ी परिवर्तन की नीति नए मंत्री के जोश और ऊर्जा से आगे बढ़ेगी। पुराने मंत्रियों के हटने से ये भी स्पष्ट हुआ है की भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व बहुत हद तक ये संदेश देना चाहता है की अब सिर्फ काम की ही राजनीति होगी। भाजपा में अब कोई गुटबाजी नही होगी और न ही किसी की सिफारिस चलेगी। अगर आप क्षमता बान है और विकास और नवीन सोच के साथ विकसित भारत के संकल्प में योगदान दे सकते है तो ही आपको कार्य करने का मोका दिया जाएगा। भाजपा की राजनीति करने बालो में अब सिर्फ टैलेंट को जगह मिलेगी न की किसी सिफारिस को।
इन सब के बीच अगर सबसे बड़ा नाम कोई है तो बो है कैलाश विजयवर्गीय जी का। जिस प्रकार उन्होंने अपनी सोच और दूरदर्शिता से इंदौर शहर की रूप रेखा बदलते हुए इंदौर को आधुनिक भारत के अनुकूल बनाया है आज हर एक महत्व पूर्ण वस्तु इंदौर शहर के पास है। एक तरफ आईटी पार्क और इंडस्ट्रीज है तो दूसरी तरफ स्वक्षता के कीर्तिमान है। एक तरफ मेट्रो लाइफ है तो दूसरी तरफ वाटर प्लस सिटी और ग्रीन सिटी का दर्जा है। इंदौर संपूर्ण रूप से विकसित भारत के शहरो का प्रतिनिधित्व करता है। उसी प्रकार हम अंदाजा लगा सकते है की प्रदेश में भी कुछ यही नजारा हमे देखने को मिलने बाला है।