मानवाधिकार मीडिया से संवाददाता कौशल कुमार गौतम की रिपोर्ट।
उन्नाव जनपद के गंगाघाट कोतवाली क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले ग्राम फत्तेपुर मे स्थित बेल्लहा तालाब के समीप बने नवनिर्मित भवन मे काफी अनियमितता पाई जा रही है। और यह सब भू माफियाओं के संरक्षण में हो रहा है। आपको बता दें कि वर्ष 2023 में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत बेल्लहा तालाब का जीर्णोद्धार का कार्य कराया गया था। जिसमें सरकार द्वारा करीब 4,80,920 रुपये खर्च किए गए थे। जिसमें तालाब को चौखाने आकार में करीब 80 गुणा 40 मीटर में लगभग 5 फुट खुदाई हुयी थी। और तालाब के किनारे पर शानदार वृक्षारोपण किया गया था। व तालाब के किनारे पर लोगों को टहलने के चौड़ीकरण भी किया गया था। सरकार द्वारा क्षेत्रवासियों के लिए यह एक सराहनीय प्रयास था। परंतु हाल की स्थिति बेहद दुर्भाग्य पूर्ण है आलम यह है कि भू माफियाओं ने तालाब के किनारे पर प्लाटिंग कर भू- खंड बेचे है उस भू-भाग में जो भी नये भवनों का निर्माण कर रहे हैं वह सभी भवन स्वामी तालाब की हद मे अपना निकास बता रहे हैं व छतों के छज्जे तालाब के किनारे बनी टहलने की जगह को घेर रखा है। व भवन स्वामियों द्वारा तालाब के किनारे किये गये वृक्षारोपण के सारे हरे पेंड उखाड़ कर फेंक दिया है जिससे उनके भवन निर्माण में कोई अणचन न आये। इतना सब प्रशासन की नाक के नीचे भू-माफिया व भवन स्वामी बे खौफ करा है। आखिर सवाल यह उठते है इन भू-माफियो को किसका संरक्षण प्राप्त है। क्या इसी तरह योगी सरकार मे भू-माफिया सरकारी जमीन पर कब्जा करते रहेगें देखने यह है कि इन भू-माफियाओं पर एक्शन कब तक लिया जायेगा।