जांजगीर चांपा (मानवाधिकार मीडिया) आपको बता दे कि जांजगीर जिले के खनिज विभाग में नियमों का सख्ती से पालन किया जाता है, ताकि मोटी रकम वसूली जा सके समाजिक कार्यकर्त्ताओं ने खनिज विभाग के अधिकारी व बड़े बाबू पर जांच कर कार्यवाही की मांग की, भ्र्ष्टाचार के पक्के सबूत सार्वजनिक करने की बात कही। शासन नियम बनाती है, और प्रशासन में बैठे लोग नियमों का क्रियान्वयन करते हैं। जांजगीर के खनिज विभाग में प्रशासनिक अधिकारी और उनके बाबू नियमों का सख्ती से पालन करते हैं, ताकि नियमों का भय दिखाकर लोगों से मोटे पैसे वसूल कर सकें। पैसे मिलने के बाद वही अधिकारी और बाबू नियमों को ताक पर रख कर कार्यों को संचालित करते हैं। खनिज विभाग के बाबू, जिनका नाम है खिलेंद्र देवांगन वे बड़े ईमानदार हैं पैसा डायरेक्ट नहीं मांगते लेकिन चमत्कारिक पुरुष है, वे ऐसे महापुरुष हैं जिनकी तकनीक ऐसी है कि वह नियमों का भय दिखाकर मानसिक प्रताड़ना देते हैं ताकि लोग पैसा लेकर उनकी शरण में आएं, वे ज्योतिष भी हैं आदमी देख कर अपने अधिकारी को बता देते हैं, कि ये आदमी कितना पैसा दे सकता है, और तो और अगले से पैसा कैसे निकलवाना है, ये तक बता देते हैं देवांगन बाबू..!! ज़िला जांजगीर का खनिज विभाग सिर से पैर तक भ्रष्टाचार में लिप्त देवांगन बाबू एंड कम्पनी बन गया है। ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं, क्योंकि किसी विभाग में अनुकम्पा नियुक्ति से प्राप्त नौकरी, करने वाला एक अदना सा कर्मचारी बिना किसी बैक सपोर्ट के इतना ताकतवर नहीं हो सकता, कि निडर होकर भ्रष्टाचार कर सके, यदि उच्च अधिकारी ईमानदार हो तो अधीनस्थ कर्मचारी भय के मारे छुप कर के भी भ्रष्टाचार नहीं कर सकता। लेकिन खनिज विभाग के बाबू ने महज नौ वर्षों में अकूत संपत्ति बना ली, जो जनता की दृष्टि में खटकने लगी। आपको बता दें कि इससे पहले करिश्माई देवांगन बाबू कोरबा जिले में पदस्थ थे, जहाँ वे कोयले की खानों से अथाह सम्पति अर्जित की और 2014 में जांजगीर स्थानन्तरित होकर आया। ज़िला जांजगीर देवांगन बाबू के लिए सोने की चिड़िया की तरह है, जहाँ हांथ डालते हैं वहीं से सोना निकल जाता है, इतने टैलेन्टेड बाबू से अधिकारी गण भी प्रसन्न रहते हैं, उनकी कमाई का माध्यम भी अंततः बाबू ही तो है। भ्रष्टाचार की पराकाष्ठा पार हो गई है, जांजगीर की जनता त्रस्त होकर आक्रोशित हो रही है। कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं ने उक्त बाबू व अधिकारियों की जाँच कर कार्यवाही करने की मांग की है, और कहा है कि, हमारे पास भ्र्ष्टाचार के पक्के सबूत हैं, उन्होंने सरकार से गुहार लगायी है कि जाँच कर सम्बंधित बाबू व अधिकारी पर कार्यवाही करें। पूर्व सरकार ने इन्हें अनदेखा कर इनके भ्र्ष्टाचार को शय दिया, लेकिन वर्तमान सरकार को जनता ने न्याय करने के लिए प्रचण्ड बहुमत से विजयी बनाया है, और जनता उम्मीद करती है की सरकार उनकी पीड़ा को समझेगी और स्वयं संज्ञान लेते हुए तत्काल जाँच करवायेगी, साथ ही आरोप सत्य साबित होने पर उचित कार्यवाही कर जनता को न्याय दिलाएगी। भ्रष्टाचार पर सरकार की ज़ीरो टॉलरेंस की नीति कितनी सत्य है, उक्त प्रकरण के लिए किए जाने वाले कार्यवाहियों से स्पष्ट हो जाएगा। यदि सच में सरकार को जनता के हितों की चिंता है, तो उम्मीद है सरकार इस समाचार को ही सूचना मानकर तत्काल संज्ञान लेगी।