जमशेदपुर (झारखंड)। जन्म-मृत्यु पंजीयन को लेकर सीआरएस पोर्टल में किए गए अपग्रेडेशन को लेकर निबंधन ईकाइयों लिए एक दिवसीय ऑनलाईन प्रशिक्षण जिला दण्डाधिकारी सह उपायुक्त श्री अनन्य मित्तल की अध्यक्षता में आयोजित की गई। प्रशिक्षण में संबंधित सरकारी व निजी चिकित्सा संस्थानों के रजिस्ट्रार, शाखा प्रभारी एवं कंप्यूटर, नगरीय निकायों के रजिस्ट्रार व अन्य सभी उप रजिस्ट्रार व प्रखंडों के संबंधित पदाधिकारी तथा कर्मी उपस्थित रहे।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में संशोधित अधिनियम 2023, CRS Revamped पोर्टल पर विस्तृत चर्चा की गई। 01.10.2023 के बाद पैदा हुए बच्चों का जन्म प्रमाण पत्र अनिवार्य कर दिया गया है, जो बच्चे से संबंधित बनाए जाने वाले अन्य दस्तावेजों जैसे आधार कार्ड, पैन कार्ड, मतदाता सूची, ड्राइविंग लाइसेंस, सरकारी नौकरी में ज्वानिंग एवं अन्य नागरिक सुविधाओं को प्राप्त करने का एक मात्र प्रमाण पत्र होगा।
चिकित्सा संस्थानों में हुई प्रत्येक मृत्यु के कारण का चिकित्सीय प्रमाणीकरण संबंधित संस्थान के स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा दिया जाना अनिवार्य होगा।
CRS Revamped पोर्टल में आम नागरिकों द्वारा मोबाईल ओटीपी के माध्यम से जन्म-मृत्यु की घटित घटना के स्थान से संबंधित रजिस्ट्रार को, ऑनलाईन प्रेषित की जा सकेगी एवं रजिस्ट्रार द्वारा सत्यापन कर प्रमाण पत्र जारी किया जा सकेगा। जो सूचनादाता द्वारा उल्लेखित ई मेल आई.डी. पर प्राप्त हो जाएगा।
प्रशिक्षण शिविर में प्रशिक्षकों ने बताया कि सीआरएस पोर्टल अपग्रेड होने के बाद लोगों को जन्म व मृत्यु प्रमाण-पत्र लेना आसान हो जाएगा। जन्म और मृत्यु होने के 21 दिन के भीतर सीआरएस पोर्टल पर ऑनलाइन रिकॉर्ड दर्ज करना होगा। इसके बाद आवेदन रजिस्ट्रार के पास पहुंचेगा। जांच-पड़ताल के बाद जरूरतमंद को प्रमाण पत्र ऑनलाइन प्राप्त होगा। इससे लोगों को जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाना होगा।
इसमें बड़ी बात यह है कि जन्म व मृत्यु को लेकर जारी होने वाले प्रमाण-पत्रों में धोखाधड़ी नहीं हो सकेगी। पहले जन्म व मृत्यु के 21 दिन के बाद का प्रमाण-पत्र आसानी से बन जाता था। अब 21 दिन बाद पोर्टल पर बिलंब शुल्क की रसीद का क्रमांक डालना होगा। उसके बाद ही आगे की प्रक्रिया बढ़ सकेगी।
जन्म व मृत्यु से 21 दिन तक कोई शुल्क नहीं है। यदि 21 दिन बाद आवेदन किया जाता है तो, 22 से 30 दिन का 2 रुपए, 31 दिन से एक साल तक पांच रुपए तथा एक साल से अधिक पुराने प्रमाण-पत्रों के लिए दस रुपए का शुल्क निर्धारित है।