सिटी ऑफ लेक की सड़क समझ कर सरपट भागने की कोशिश जान लेवा हो सकती थीं। क्योंकि इस नाम से चर्चित इस शहर की सड़कों की हालत वैसी नहीं थी। कारण गड्ढे में सड़क है, या फिर सड़क में गड्ढे यह पता भी नहीं चलेगा। इनमें कुछ तो डेंजर जोन के रूप में मुंह बाए खड़ी थी। शहर की सड़को की हालत ऐसी थी कि सड़कों पर कभी सीवरेज का पानी जमा रहता है, तो कभी बारिश का अब इसमें सुधार देखने को मिला है।श्यामा प्रसाद मुखर्जी नए बस स्टैंड के समीप डिवाइडर वाली मुख्य सड़क पर बहुत ही गहरे गढ्ढे थे। जिससे दुर्घटनाओं की आशंका बनी रहती थी। वाहनों को भी आने जाने में परेशानियां थी। जब मानव अधिकार न्यूज़ ने इस समाचार को तत्परता से प्रशासन के संज्ञान में दिया तब तत्काल शीघ्रता से प्रशासन ने इसको संज्ञान में लेते हुए गड्ढे को भरवा दिया है। वही सड़को पर दुघर्टना वाले गड्ढों को लेकर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सीताराम से भी बात की गई थी।जिसके बाद बदलाव और ख़बर का असर देखने को मिला है।जिससे अब आने जाने वाले वाहन चालकों ने राहत की सांस ली है। अब दुर्घटनाओं की भी आशंका टल गई है। हालाकि इस मार्ग पर और भी गड्ढे हैं। जिन्हें भी भरवाए जाने की मांग वाहन चालकों सहित स्थानीय लोगों ने कही है। उल्लेखनीय है कि एक बार फिर मानव अधिकार की न्यूज़ का असर हुआ है जहां नए बस स्टैंड पर गड्ढे की खबर को मानव अधिकार न्यूज़ ने प्राथमिकता से प्रशासन के संज्ञान में दिया था जिस पर प्रशासन ने कार्यवाही करते हुए गड्ढे को भरवा दिया है।