मानवाधिकार मीडिया मध्यप्रदेश दमोह संवाददाता पुष्पेन्द्र रैकवार
हटा //भीषण गर्मी मे
मुक्ति धाम में श्रमदान व पशु पक्षियों का ख्याल,रखकर चिड़ियों को सकोरे में पानी रखकर लोगों को दिया संदेश
सूर्य देवता की तपन दिनों दिन बढ़ती जा रही है जिसके कारण तापमान भी बढ़ता जा रहा है।
नवतपा प्रारंभ होते ही
पब्लिक का घर से निकलना मुश्किल होता जा रहा है इसी सडी़ गर्मी में आंकलन लगाया जा सकता है कि मई और जून में गर्मी कितना सितम ढाएगी इसकी सिर्फ कल्पना ही की जा सकती है।
भीषण गर्मी के कारण तालाब,पोखरों, और नालियों का भी पानी सूख जाता है जिसके कारण पशु पक्षियों को बहुत परेशानी का सामना करना पड़ता है
पानी का जल स्तर गिर जाने से हैंडपंप भी काम करना बंद कर देते है। ऐसी परिस्थिति में ईश्वर द्वारा मानव जाति की असली परीक्षा ली जाती है।
इसलिए हम सभी लोगो का कर्तव्य और धर्म है कि इन वे सहारा
जीवों की रक्षा करें। पानी के अभाव में कभी कभी पशु पक्षियों की जान भी चली जाती है और उन्हें देखकर कठोर से कठोर व्यक्ति का ह्रदय पिघल जाता है।
ऐसी स्थिति न आवे यदि हम सभी लोग मिलकर गर्मियों में इन्हें बचाने का प्रयास करें तो यह हम सभी के लिए बहुत ही पुण्य और रामकाज़ होगा।
प्रचंड गर्मी में पानी के लिए दर-दर भटकते हैं परिंदे,आप भी कर सकते हैं मदद
गर्मी के मौसम में पक्षी शहर के आसमान में दिनभर चक्कर लगाते रहते हैं। यदि उन्हें कहीं झील, तालाब या कोई अन्य जलस्त्रोत मिल जाए तो ठीक नहीं तो उन्हें थोड़े से पानी के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ती है।
गर्मी में लोग अपनी प्यास बुझाने के लिए कई तरह के जतन करते हैं विभिन्न प्रकार के पेयजल पदार्थ का जीवन धड़ल्ले से कर रहे हैं ऐसे में हमें उन बेजुबान और लाचार परिंदों की हालात पर भी गौर करना चाहिए जो पानी के लिए दर-दर भटकते हैं
शहर से लेकर गांव तक पक्षियों की रेट के लिए पक्षी प्रेमी अपने स्तर पर प्रयास करते हैं गांव में जहां लोगों के पास अधिक स्थान होने पर परिंदों की प्यास बुझाने के लिए ग्रामीण विशेष इंतजाम करते हैं वहीं दूसरी ओर शहरों में अधिकतर छज्जों व छतों का उपयोग किया जाता है इसलिए यदि आप भी पक्षियों से प्रेम करते हैं तो इस गर्मी में जरूर कुछ प्रयास करें
समाजसेवियों ने बताया जो पशु पक्षियों का ख्याल रखता है वह हजारों यज्ञ के समान होता है
अपने घरों में किसी छायादार स्थान पर मिट्टी के बर्तन में साफ पानी रखें। जहां तक हो सके घरों के आसपास तालाब अथवा गढ्ढों में जल संरक्षण करें ताकि पशु पक्षी अपनी प्यास बुझा सकें। जल ही जीवन है इसलिए इसे व्यर्थ बर्बाद न करें। पशु पक्षियों की सेवा करना मनुष्य का धर्म है इसका पालन करना ही ईश्वर की सच्ची सेवा और पूजा है। क्योंकि पशु पक्षी ही हमारे पर्यावरण को शुद्ध और शोभायमान बनाते है।
प्रत्येक रविवार की भांति मुक्ति धाम में समाज सेवियों के सहयोग से श्रमदान
इसी दौरान समाज सेवायों ने चिड़ियों के लिए पुनः मुक्तिधाम से जुगाड़मेंट करके पानी पीने के लिए व्यवस्था बनाई ताकि पशु पक्षी प्यासे ना रहे इसी दौरान नगर के प्रत्येक समाजसेवियों को संदेश भी दिया
पौधों पर पानी दिया गया मुक्तिधाम में चारों और फैली गंदगी को देखते हुए
समाजसेवियों ने झाड़ू लगाकर गंदगी को साफ किया
इसी दौरान नगर पालिका से एक टैंकर पानी सभी वृक्षों पर दिया गया
श्रमदान के दौरान वरिष्ठ समाजसेवी राजाराम गोस्वामी व
समाज सेवा में सबसे पहले रुचि रखते हैं अशोक चंपी चौरसिया द्वारा मुक्तिधाम में साफ सफाई की सामग्री जैसे झाड़ू कुप्पा आसामाजिक तत्वों द्वारा मुक्तिधाम में शराब खोरी कर मुक्तिधाम में रखे सामान को अस्त व्यस्त कर रहे साफ सफाई के समान सामग्री को चोरों ने चोरी कर लिया
इसी दौरान नारायण तंतुवाय के द्वारा बताया गया कि जो भी समाजसेवी या श्रमदानी मुक्तिधाम में अपना श्रम देना चाहता है तो वह तसला, झाड़ू ,फावड़ा, जो भी इच्छा अनुसार दे सकता है
आज के श्रमदान में उपस्थित वरिष्ठ समाजसेवी पंडित राजाराम गोस्वामी, अशोक चंपी चौरसिया, कामता नारायण तंतुवाय, पुष्पेंद्र मोनू पांडे,
शिवशंकर कुशवाहा,
सोनू पंडा,रियल अग्रवाल,सुशील सेलट,
पप्पू रैकवार
के अलावा नापा टैंकर चालक कमलेश पटैल मौजूद रहे