● झारखंड को नशा मुक्त प्रदेश बनाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध
● नशे पर नियंत्रण से ही बनेगा बेहतर समाज और बेहतर राज्य
● सभी की भागीदारी से ही नशे पर होगा नियंत्रण
● नशा को बढ़ावा देने वालों को हर हाल में रोका जाए
रांची (झारखंड)। झारखंड को नशा मुक्त प्रदेश बनाना है और इसमें हर किसी को अपनी सहभागिता निभानी होगी । सभी के प्रयासों से ही मादक और नशीले पदार्थों पर रोकथाम संभव है। मुख्यमंत्री श्री चम्पाई सोरेन ने आज झारखंड मंत्रालय में आयोजित कार्यक्रम में नशा मुक्त झारखंड बनने के लिए जागरूकता रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना करने के क्रम में यह संकल्प दोहराया। इस अवसर पर सभी ने नशा मुक्त झारखंड अभियान के तहत एकजुट होकर स्वयं, परिवार और समाज को नशा से दूर रहने की शपथ ली।
झारखंड राज्य के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है
मुख्यमंत्री ने कहा कि नशे पर नियंत्रण की दिशा में जागरूकता रथ को रवाना किया जाना एक महत्वपूर्ण पहल है। इससे नशे के दुष्प्रभाव के प्रति लोगों को जागरूक करने में मदद मिलेगी। लोग यह समझ सकेंगे की नशे की वजह से उनका कितना नुकसान हो रहा है और इससे कैसे बचा जा सकता है। मुख्यमंत्री ने उम्मीद जताई कि नशे के खिलाफ प्रचार -प्रसार से लोग जागरूक होंगे और दूसरों को भी नशे से दूर रखने के लिए प्रेरित करेंगे।
बेहतर समाज और बेहतर राज्य बनाना है
मुख्यमंत्री ने कहा कि बेहतर समाज और बेहतर राज्य बनाने के लिए नशा पर नियंत्रण बहुत जरूरी है। शहर हो या गांव, हर किसी को नशे से दूर रहना होगा । जो नशा को बढ़ावा दे उसे भी रोकने के लिए हम सभी को आगे आना होगा। हर किसी के सहयोग से हम अपने इस अभियान में निश्चित तौर पर सफल होंगे। अगर अगर हम आज नशा पर नियंत्रण नहीं कर पाएंगे तो आगे और भी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। इसलिए हर तरह के नशे की प्रवृत्ति को रोकने की जरूरत है।
नशे से समाज में फैल रही कई विकृतियां
मुख्यमंत्री ने कहा कि कि नशे की वजह से समाज में तरह-तरह की विकृतियां फैलती है। इससे युवाओं में अपराध की प्रवृत्ति बढ़ती है । परिवार में अलगाव की स्थिति पैदा होती । आपसी संबंधों में दरार आने लगता है। समाज गलत दिशा में आगे बढ़ने लगता है। सबसे बड़ी बात कि नशा का सेवन करने वालों के स्वास्थ्य पर इसका काफी नकारात्मक असर पड़ता है।
शारीरिक और मानसिक बीमारियां उसे गिरफ्त में लेने लगती है। यह उस व्यक्ति के साथ उसके परिवार समाज और राज्य के लिए भी स्वस्थ नहीं है। ऐसे में युवाओं को नशा से दूर रहना होगा। यह तभी संभव है ,जब उन्हें नशे के दुष्प्रभाव से अवगत किया जाएगा। उन्हें नशा के खिलाफ जागरूक करना होगा। इस कड़ी में इन जागरूकता रथों की भूमिका भी काफी मायने रखेगी।
6 जागरूकता रथ किए गए रवाना
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर नशा मुक्त झारखंड बनने के लिए 6 जागरूकता रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया । इसमें चार जागरूकता रथ रांची और एक-एक रामगढ़ और खूंटी जिले के लिए है । विदित हो कि राज्य के सभी जिलों में 19 से 26 जून तक नशे के विरुद्ध लोगों को जागरूक करने के लिए जागरूकता रथ निकाले जा रहे हैं। ये सभी जागरूकता रथ शहर से लेकर सुदूर गांवों का भ्रमण करेंगे। इसके जरिए लोगों को नशे के दुष्प्रभाव और उससे बचाव से अवगत कराया जाएगा।
इस अवसर पर मंत्री श्री सत्यानंद भोक्ता, विधायक श्री जीगा सुसारण होरो, मुख्य सचिव श्री एल खियांग्ते, प्रधान सचिव श्रीमती वंदना दादेल और पुलिस महानिदेशक श्री अजय कुमार सिंह समेत कई वरीय पदाधिकारी मौजूद थे।