प्रदेश को वन ट्रिलियन इकोनॉमी बनाये जाने हेतु वार्षिक उद्योग सर्वेक्षण एवं औद्योगिक उत्पादन सूचकांक विषयक दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन
लखनऊ 26 अक्टूबर 2023 (सूचना विभाग) प्रदेश को वन ट्रिलियन इकोनॉमी बनाये जाने की प्रदेश सरकार की प्रतिबद्धता के परिप्रेक्ष्य में प्रदेश में लगने वाले नये कल कारखानों एवं इने द्वारा उत्पादन के माध्यम से प्रदेश की आर्थिक स्थिति में होने वाले उत्तरोत्तर विकास के आंकड़ों को वास्तविकता के आधार पर संग्रहीत करने के उद्देश्यों को साकार करने के दृष्टिकोण से दिनांक: 26 अक्टूबर 2023 को वार्षिक उद्योग सर्वेक्षण एवं औद्योगिक उत्पादन सूचकांक विषयक दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन अर्थ एंव संख्या प्रभाग, उ०प्र०, नियोजन विभाग द्वारा गिरि विकास अध्ययन संस्थान, लखनऊ के सहयोग से लखनऊ विश्वविद्यालय के मालवीय सभागार में किया गया।
कार्यशाला का शुभारम्भ डॉ० दिव्या सरीन, निदेशक, अर्थ एवं संख्या प्रभाग, उ०प्र० एवं प्रोफेसर प्रमोद कुमार, निदेशक, गिरि विकास अध्ययन संस्थान एवं गणमान्य अधिकारियों द्वारा दीप प्रज्जवलन कर किया गया।
निदेशक, अर्थ एवं संख्या प्रभाग, उoप्रo द्वारा सभी प्रतिभागियों का अभिवादन करते हुये कार्यशाला का आयोजन के उद्देश्यों के साथ-साथ केन्द्रीय सेक्टर की एस०एस०एस० योजनान्तर्गत कराये जाने के सम्बन्ध में अवगत कराया गया। उनके द्वारा प्रदेश की अर्थव्यवस्था में द्वितीयक सेक्टर के महत्व के साथ-साथ इस दिशा में प्रदेश द्वारा की जा रही पहल और इसको सही रूप में परिलक्षित करने के दृटिकोण प्रदेश सरकार एवं भारत सरकार द्वारा कल कारखानों से वास्तविक एवं सारगर्भित आंकडे ससमय एकत्रित कराये जाने पर विशेष बल दिया गया, जिसके लिये क्षेत्रीय स्तर पर सभी सम्बन्धितों को जागरूक किये जाने हेतु प्रदेश के समस्त जनपदों में माह जुलाई के दौरान कार्यशालायें भी कार्यशालायें आयोजित करायी जा चुकी हैं।
प्रोफेसर प्रमोद कुमार, निदेशक, गिरि विकास संस्थान द्वारा गिरि विकास अध्ययन संस्थान का भी परिचय देते हुये प्रदेश के विकास में संस्थान द्वारा दिये जा रहे योगदान से अवगत कराया गया।
श्री विवेक श्रीवास्तव, निदेशक, NSSO तथा श्री रूपेश वरिष्ठ संख्यकीय अधिकारी, भारत सरकार द्वारा प्रतिभागियों को वार्षिक उद्योग सर्वेक्षण का परिचय देते हुये कार्यशाला में बताये जाने वाले विषयों एवं सांख्यिकी को एक आइने की संज्ञा देते हुये देश व प्रदेश की अर्थव्यवस्था के वास्तविक प्रतिबिम्बन के बारे में आंकडों की महत्ता के साथ-साथ इन्हें वासविकता के आधार पर ससमय संग्रहीत करने की प्रक्रिया से अवगत कराया गया। साथ ही प्रतिभागियों को बैलेस शीट की अवधारणा, बहीखाता पद्धति, खातों के प्रकार, एकल एवं दोहरी प्रविष्टि प्रणाली, कैशबुक खरीद एवं अचल सम्पत्ति, कार्यशील पूंजी और ऋण एवं अन्य खर्चों से सम्बन्धित आंकड़ों का संग्रह तथा वार्षिक उद्योग सर्वेक्षण के माध्यम से आंकडों के संग्रहण की विधि व महत्ता के बारे में भी बताया गया।
उक्त कार्यशाला में प्रदेश के विभिन्न जनपदों एवं मण्डल स्तर के अर्थ एवं संख्या प्रभाग के अधिकारियों द्वारा प्रतिभाग किया गया। कार्यशाला में द्वितीय दिवस वार्षिक उद्योग सर्वेक्षण के मॉड्यूल को भरने, उसके निरीक्षण के दौरान जोर देने वाले बिन्दु जिसमे जिलों की बातचीत भी शामिल हो, आंकड़ों की प्रविष्टि मॉड्यूल तथा आंकड़ा प्रविष्टि / जाँच / सत्यापन और जांच बिन्दुओं पर चर्चा के साथ साथ औद्योगिक उत्पादन सूचकांक के लिये आंकड़ों के संग्रहण और जाँच का परिचय तथा आईआईपी अनुसूची के आंकड़े भरना एवं प्रदेश की सकल आय में इसके उपयोग आदि विषयों के बारे में प्रतिभागियों को प्रशिक्षित किया जायेगा ।
कार्यशाला में श्रीमती मालविका घोषाल, अपर निदेशक, श्रीमती अलका बहुगुणा ढौंडियाल, अपर निदेशक, श्री नवीन चतुर्वेदी, उप निदेशक एवं श्रीमती शालू गोयल, उप निदेशक, अर्थ एवं संख्या प्रभाग, उ0प्र0 एवं प्रोफेसर डी०आर० साहू, विभागाध्यक्ष समाजशास्त्र विभाग, लखनऊ विश्वविद्यालय, लखनऊ तथा श्रीमती नोमिता पी० कुमार व डॉ० कविता बालियान, संकाय सदस्य, गिरि विकास अध्ययन संस्थान की गरिमामयी उपस्थिति रही।