छ ग डिप्टी चीफ ब्यूरो भूपेंद्र देवांगन
रायपुर (मानवाधिकार मीडिया) आपको बता दे कि BJP ने लोकसभा चुनाव 2024 के लिए 195 प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है। पहली लिस्ट में ही छत्तीसगढ़ की सभी 11 सीटों पर नाम का ऐलान हो गया है। 2 सांसदों को रिपीट किया गया है। वहीं मंत्री बृजमोहन अग्रवाल को रायपुर से लोकसभा चुनाव लड़ाया जा रहा है। 11 सीटों में 3 महिलाओं को बीजेपी ने टिकट दिया है।
दुर्ग से विजय बघेल ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को विधानसभा में चुनौती दी थी। वे हार गए थे, लेकिन बड़ी टक्कर दी थी। इसी तरह राजनांदगांव में संतोष पांडेय को रिपीट किया गया है। उन्होंने बस्तर में धर्मांतरण पर काम किया। जिसके कारण उन्हें फिर से मौका मिला।
विधानसभा चुनाव में लगातार बृजमोहन अग्रवाल ने जीत दर्ज की है। 2018 में जब समूचे रायपुर की सीटें कांग्रेस के हाथ में आई तक शहर से इकलौते भाजपा विधायक बृजमोहन ही बने थे। अग्रवाल समाज का जातिगत समीकरण भी भाजपा नजरअंदाज नहीं कर सकती। संगठन और कार्यकर्ताओं में अच्छी पकड़ है। प्रदेश में सबसे ज्यादा मतों के अंतर से विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की। रायपुर संभाग के भौगोलिक समीकरण के हिसाब से बृजमोहन को जिम्मा दिया गया है।
राजनांदगांव से मधुसूदन यादव और पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के बेटे अभिषेक सिंह भी दौड़ में थे, लेकिन पार्टी ने संतोष पांडे पर भरोसा जताया। चर्चा है कि पार्टी परिवारवाद के आरोप से बचना चाहती थी, इसलिए डॉ. रमन सिंह के बेटे अभिषेक सिंह को टिकट नहीं दी गई। वहीं, मधुसूदन यादव डॉ. रमन सिंह के बेहद करीबी माने जाते हैं। संतोष पांडेय को राजनांदगांव से टिकट देकर पार्टी ने एक संदेश देने का काम किया है कि पार्टी में संतुलन बना रहेगा।
2008 में भिलाई के वैशाली नगर सीट से विधानसभा से चुनाव लड़ा था। बीजेपी ने 2009 में उन्हें महापौर रहते हुए आम चुनाव में विधायक और दुर्ग सीट से लोकसभा उम्मीदवार के तौर पर खड़ा कर दिया। सांसद रहते ही पार्टी ने उन्हें राष्ट्रीय महिला मोर्चा का अध्यक्ष बनाया।
चिंतामणि महाराज को कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं दिया था। वे भाजपा में आ गए। वे सरगुजा से भाजपा की टिकट चाहते थे, लेकिन उन्हें मना लिया गया। आखिरकार उन्हें लोकसभा में मौका दिया गया है। चिंतामणि महाराज को मानने वाले सरगुजा क्षेत्र में बड़ा वर्ग है।
तोखन साहू लोरमी से भाजपा के विधायक रह चुके हैं। इसी क्षेत्र से धर्मजीत सिंह भी जनता कांग्रेस के विधायक हुआ करते थे, जिन्होंने भाजपा जॉइन कर ली और तखतपुर से जीते। लोरमी से अरुण साव ने चुनाव लड़ा जिसके कारण तोखन साहू को मौका नहीं मिला। उन्हें लोकसभा से चुनाव लड़ाकर पार्टी ने तोहफा दिया है।साल 2013 में लोरमी विधानसभा क्षेत्र से जीतकर विधायक बन चुके साहू इन दोनों बीजेपी में सक्रिय युवा ओबीसी चेहरा है। भारतीय जनता पार्टी ने संगठन में इन्हें किसान मोर्चा का प्रदेश अध्यक्ष भी बना रखा है। इस वजह से इन्हें अब बिलासपुर लोकसभा क्षेत्र से बड़ी जिम्मेदारी देते हुए सांसद भेजने का मन भाजपा ने बनाया है।मुंगेली जिले में जन्मे तोखन लाल साहू ने एमकॉम तक पढ़ाई की है साल 2013 में पहली बार विधानसभा में विधायक बने 14-15 में महिलाओं एवं बाल कल्याण संबंधी समिति के सदस्य रहे विधानसभा में सक्रिय समिति के सदस्य रहे 2015 में छत्तीसगढ़ शासन में संसदीय सचिव भी रहे।
धरमजयगढ़ विधानसभा से लंबे वक्त से विधानसभा चुनाव का टिकट मांग रहे राधेश्याम को वफादारी का फल मिला है। पिछले लोकसभा चुनाव में इन्हें धरमजयगढ़ विधानसभा का चुनाव संचालक भी बनाया गया था। इससे पहले राठिया पूर्व जनपद अध्यक्ष जिला किसान मोर्चा के महामंत्री भी रह चुके हैं। रायगढ़ क्षेत्र से किसी नए चेहरे को मैदान में उतारने की तैयारी BJP पहले ही कर चुकी थी। राठिया समाज से ताल्लुक रखने वाले राधेश्याम पर इस लोकसभा चुनाव में दांव खेला गया है।
लोकसभा क्षेत्र जांजगीर से सक्ती विधानसभा की कमलेश जांगड़े को मैदान में लाया गया है। कमलेश जांगड़े BJP महिला मोर्चा की जिला अध्यक्ष के रूप में काम कर चुकी हैं। एक बार वे जिला पंचायत का चुनाव हार चुकी हैं।