देश के दोनो सदनों के 146 सांसदो को निलंबित को लोकतंत्र की हत्या बताते हुए आज पार्टी द्वारा धरना प्रदर्शन किया गया इसके साथ ही राष्ट्रपति के नाम टीकमगढ़ कलेक्ट में ज्ञापन भी सोपा गया ज्ञापन में बताया गया है कि देश के लोकसभा व राज्यसभा में विपक्ष के सांसदो द्वारा संसद पर हुये हमले के संबंध में विपक्षी सांसदो द्वारा संसद की सुरक्षा पर चर्चा में हुई चूक को लेकर देश के गृहमंत्री अमित शाह संसद की सुरक्षा पर चर्चा व जबाव की मांग पर 146 विपक्षी सांसदों को निलंबित कर दिया जबकि विपक्षी सांसद संवैधानिक,संसदीय नियमों के तहत सरकार का पक्ष चाह रहे थे । भाजपा सरकार ने विपक्षी सांसदो की मांग को हंगामा करार देते हुये संसदीय कार्य में व्यवधान मान कर, सांसदों की आवाज दबाते हुये 146 सांसदों को अलोकतांत्रिक तरीके से न सिर्फ निलंबित किया बल्कि राष्ट्र की जनता के सामने संसद पर हुये हमले की सच्चाई न पहुचे सरकार ने अपना उल्लंघन किया है जो सांसदो का हक एवं क्षेत्र की जनता के प्रति जबावदेदी है। स्वतंत्रता का हनन. कर 146 सांसदो को सदन से निलंबित कर लोकतंत्र की हत्या कर रही है। सदन में 146 सांसदो की अनुपस्थिति में तीन महत्वपूर्ण बिल बिना किसी चर्चा किये पास कराना केन्द्र की भाजपा सरकार की पतानाशाही का प्रतीक है। मांग कि है कि केन्द्र की भाजपा सरकार की तानाशाही अलोकतांत्रिक रवैया और संसदीय नियमों के विपरीत निलंबन कर अंकुश लगाये ताकि संविधान, संसदीय नियमो की गरिमा बनी रहे ।
ज्ञापन देने के दौरान जिला अध्यक्ष नवीन साहू ,नगर पालिकाअध्यक्ष अब्दुल गफ्फार पप्पू मलिक,महिला कांग्रेस अध्यक्ष पोनम जैसवाल, सूर्य प्रकाश मिश्रा दद्दी, देवेंद्र नापित, शंकर काजी , धेरो चौबे, सहित कई कांग्रेस कार्यकर्ता मौजूद रहे