-जिलाधिकारी ने अवैध मदिरा के निर्माण एवं तस्करी पर अंकुश के लिए तहसीलवार टीमें की गठित
रायबरेली। जिलाधिकारी हर्षिता माथुर ने कहा कि अवैध मादक पदार्थों के निर्माण, बिक्री एवं तस्करी की संभावना के दृष्टिगत 20 अक्टूबर से 05 नवम्बर 2024 तक विशेष प्रवर्तन अभियान चलाया जाना है। जिसमें अवैध मदिरा के निर्माण एवं बिक्री तथा तस्करी तथा अवैध अल्कोहल के परिवहन पर अंकुश लगाए जाने हेतु समस्त तहसीलवार टीमों का गठन किया है।
जिलाधिकारी ने आबकारी, पुलिस एवं राजस्व प्रशासन के अधिकारियों की संयुक्त टीम बनाकर प्रभावी प्रवर्तन कार्य सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए है। उन्होंने कहा कि पूरे जनपद में विशेष प्रवर्तन अभियान चलाकर अवैध शराब के निर्माण, तस्करी, परिवहन आदि पर प्रभावी अंकुश लगाया जाए। इस कार्य के लिए प्रत्येक तहसील में उप जिलाधिकारी, क्षेत्राधिकारी तथा आबकारी निरीक्षक विशेष रूप से सक्रिय रहेंगे।
पूरे जनपद में 6 प्रवर्तन दलों का गठन किया गया है।
जिलाधिकारी ने कहा कि यह टीमें पूर्ण निष्ठा एवं गंभीरता से विशेष प्रवर्तन अभियान के दौरान अवैध मदिरा के कार्य में संलिप्त माफियाओं/तस्करों की सूची के अनुसार उनके विरुद्ध स्थानीय पुलिस के सहयोग से नियमानुसार गैंगस्टर/गुण्डा एक्ट के अन्तर्गत कठोरतम कार्यवाही की जाए तथा उन पर सतत निगरानी की जाए।
संदिग्ध वाहनों की सघनता एवं सूक्ष्मता से चेकिंग कराई जाएगी और राष्ट्रीय/राज्य राजमार्ग पर स्थित ढाबों, जहां अल्कोहल के टैंकर प्रायः रूकते है, की भी संघ एवं आकस्मिक जांच कराई जाए। इन टीमों द्वारा जनपद में अवैध मदिरा के संदिग्ध स्थानों/अड्डों पर छापेमारी की कार्यवाही की जाए। आबकारी दुकानों एवं थोक अनुज्ञापनों का निरीक्षण चेकलिस्ट के अनुसार किया जाए। स्टॉक के बारकोड व क्यू0आर0 कोड की सूक्ष्मता एवं सतर्कता पूर्वक स्कैनिंग/जांच की जाए।
देशी/विदेशी मदिरा/बियर एवं माडल शाप की फुटकर बिक्री की दुकानों पर ओवर रेट के सम्बन्ध में रैंडम टेस्ट परचेज की कार्यवाही भी की जाए। जिलाधिकारी ने कहा कि असेवित क्षेत्रों तथा ऐसे स्थानों जहां पर मदिरा की दुकानें अवयवस्थित है, अथवा मदिरा की दुकानें वहां से अन्यत्र स्थानांतरित कर दी गई है तो उन क्षेत्रों में मदिरा की अवैध कारोबार की सम्भावना को दृष्टिगत रखते हुए सतर्क निगरानी रखी जाए।
अल्कोहल युक्त औषधियों एवं टिंचर का शराब के रूप में दुरुपयोग को रोकने के लिए ड्रग विभाग के सहयोग से ऐसे दुकानों का निरीक्षण कर नमूने आहरित किये जायें और जांच में सब-स्टैण्डर्ड पाये जाने पर उनका अनुज्ञापन निरस्त करने की कार्यवाही ड्रग विभाग द्वारा करायी जाये। जनपद में विशेष सतर्कता बरती जाए एवं नियमित रूप से रोड चेकिंग कराई जाए, जिससे कि किसी भी दशा में अवैध मदिरा की तस्करी न होने पाये।