चुनावों में हर पार्टी अपने प्रत्याशी उतारती है, लेकिन विरले ही ऐसे होते हैं, जिन्हें जनता की ख्वाहिश पूरी करने के लिए चुनावों में कदम रखने पड़ते हैं, ऐसी ही लोकप्रिय महिला हैं, श्रीमती मंजूषा पाटले, जो पूर्व सांसद कमला देवी पाटले की छोटी बहू, एवं पूर्व जिला पंचायत सदस्य प्रदीप पाटले की पत्नी हैं, लेकिन ऐसी योग्य बहु की परिवार ने कद्र नहीं की किन्तु जनता ने हीरे की पहचान कर ली है।
इन्होंने शिक्षा में इंजीनियरिंग की पढ़ाई की, लेकिन उनके व्यक्तित्व में एक गरिमा है, पत्रकारिता (बी.जे.एम.सी.) के बाडज़ कानून की डिग्री(एलएलबी) की पढ़ाई कर रहीं हैं, लेकिन उन्होंने अपना जीवन सेवा में लगाने का निर्णय लिया, लोगों के बीच पहुँच कर, उनके सुख-दुख में निःस्वार्थ भाव से शामिल होती हैं, खास तौर पर महिलाओं और बच्चों के लिए, हिंदुत्व व संस्कृति की रक्षा के लिए निरन्तर काम कर रहीं हैं।
उनके विचारों में एक क्रांतिकारी सोच की झलक मिलती है, बहुत कम उम्र में ही, वो अपने आस-पास के लोगों को विकास के मार्ग पर ले जाने हेतु कृतसंकल्प हैं। उनकी इसी सेवा भाव से प्रभावित जनता उन्हें चुनाव में उतारने की ख्वाहिश जाहिर की है, क्योंकि जिला पंचायत क्षेत्र क्रं.12 (चारपारा) उनके गृहनगर क्षेत्र में शामिल है, इसलिए इस क्षेत्र से ई.मंजूषा का गहरा लगाव भी है, जिसमें अपने क्षेत्र के प्रति कुछ करने की ललक हो, लोगों से प्रेम हो, कुछ कर गुजरने की चाह हो, ऐसे व्यक्ति की तलाश जनता को भी रहती है, इसीलिए जनता की मांग पर मंजूषा ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ने की घोषणा की है।
हमारी गुजारिश है कि अपना वोट उसी को दें, जिसमें आपको सेवा भाव दिखता हो, जो समय पर, बिना अपना हित साधे सिर्फ आपके लिए खड़ा हो, जिसके पास किसी काम के लिए जाने में कोई झिझक न हो, जो अपनी जनता को मान-सम्मान दे। याद रखिये जो नोट के बदले आपका वोट पायेगा, वो पाँच साल अपना ही घर बसाएगा, जनता याद करें कि कितनों को आपने, दो-दो, तीन-तीन कार्यकाल जिताया, लेकिन उन्होंने क्षेत्र का कितना विकास किया, जनता का कितना भला किया। अब देखने वाली बात होगी कि नामी गिरामी पार्टियों के कैंडिडेट्स के सामने निर्दलीय हुँकार भरने वाली मंजूषा पाटले क्या करिश्मा दिखाती है।