शकील अहमद
लखनऊ। राजधानी लखनऊ स्थित नेशनल पीजी कॉलेज में मंगलवार को “प्लास्टिक प्रदूषण का पौधों और जानवरों पर प्रभाव” विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन धूमधाम से किया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन महाविद्यालय के जंतु विज्ञान विभाग तथा CSIR-NBRI-EIACP-PC (Environmental Information, Awareness, Capacity Building & Livelihood Program Centre) के संयुक्त तत्वावधान में किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन और मां सरस्वती वंदना के साथ हुआ। तत्पश्चात प्राचार्य प्रो. देवेंद्र कुमार सिंह ने मुख्य अतिथि का स्वागत पुष्पगुच्छ भेंट कर किया। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि प्लास्टिक प्रदूषण न केवल मानव स्वास्थ्य बल्कि वन्यजीव और पारिस्थितिक तंत्र के लिए भी गंभीर खतरा है। उन्होंने छात्रों से अपील की कि वे अपने परिवार और समाज को इसके दुष्परिणामों के प्रति जागरूक करें।
मुख्य वक्ताओं के विचार
डॉ. अंजू पटेल, वरिष्ठ वैज्ञानिक (एनवायरमेंटल टेक्नोलॉजी डिविजन), ने अपने व्याख्यान में मिशन लाइफ (Mission LiFE) के थीम्स पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने प्लास्टिक प्रदूषण के खतरों और इसके समाधान पर विस्तृत चर्चा की।
डॉ. संध्या मिश्रा, प्रोग्राम ऑफिसर, NBRI-EIACP, ने बताया कि किस तरह से पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEFCC) छात्रों और समाज को इस मुद्दे पर जागरूक करने के लिए विभिन्न पहल कर रहा है।
विशेष पहल
जंतु विज्ञान विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. अर्चना सिंह ने छात्रों को मिशन लाइफ शपथ दिलाई। आईटी अधिकारी मनीष चौधरी द्वारा छात्रों को न्यूज लेटर और ब्रोशर वितरित किए गए। इस दौरान अनमता नफीस ने सभी प्रतिभागियों का रजिस्ट्रेशन किया।
कार्यक्रम में 100 से अधिक छात्र-छात्राओं ने सहभागिता की और पर्यावरण संरक्षण का संकल्प लिया।
निष्कर्ष
इस कार्यशाला का उद्देश्य छात्रों और समाज को प्लास्टिक प्रदूषण के खतरों के बारे में जागरूक करना और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में ठोस कदम उठाने के लिए प्रेरित करना था। कार्यक्रम में उपस्थित विशेषज्ञों ने यह स्पष्ट संदेश दिया कि प्लास्टिक प्रदूषण के खिलाफ हर व्यक्ति को जागरूक होना जरूरी है।