पंचायती राज एक केंद्र बिंदु के रूप में उभर कर सामने आ रहा- उप विकास आयुक्त
जमशेदपुर (झारखंड)। सतत विकास के लक्ष्यों (SDG) को जमीनी स्तर तक पहुंचाने तथा और अधिक प्रभावी एवं जवाबदेह बनाने की दिशा में भारत सरकार के पंचायत राज मंत्रालय द्वारा एक महत्वपूर्ण पहल की गई है। इसी क्रम में, पंचायत उन्नति सूचकांक (PAI 1.0) से प्राप्त आंकड़ों के प्रसार और विश्लेषण के उद्देश्य से टाउन हॉल, सिदगोडा में जिला स्तरीय कार्यशाला आयोजित की गई। इस कार्यशाला में उप विकास आयुक्त श्री नागेन्द्र पासवान, जिला परिषद अध्यक्ष श्रीमती बारी मुर्मू, जिला परिषद उपाध्यक्ष श्री पंकज, कार्यपालक पदाधिकारी जिला परिषद श्री रजनीकांत मिश्रा, जिला आपूर्ति पदाधिकारी, पंचायत प्रतिनिधियों, जिला एवं प्रखंड स्तरीय पदाधिकारियों तथा विशेषज्ञों ने भाग लिया।
कार्यशाला में उपस्थित प्रतिभागियों को PAI से प्राप्त आंकड़ों की विस्तृत जानकारी दी गई तथा पंचायत स्तर पर विकास की प्राथमिकताओं को रेखांकित किया गया । साथ ही कार्यक्रम में PAI डेटा के आधार पर पंचायतों की रैंकिंग और प्रदर्शन का तुलनात्मक विश्लेषण किया गया तथा कमजोर क्षेत्रों की पहचान कर सुधारात्मक रणनीतियाँ तय की गई। वहीं सतत विकास लक्ष्यों के अनुरूप ग्राम पंचायत विकास योजना (GPDP) को अधिक प्रभावी बनाने को लेकर चर्चा की गई। पंचायत प्रतिनिधियों की भूमिका और जिम्मेदारियां भी तय की गई। विकास योजनाओं में जन भागीदारी और पारदर्शिता बढ़ाने के उपाय पर बल दिया गया।
उप विकास आयुक्त ने अपने संबोधन में कहा कि पंचायती राज एक केंद्र बिंदु के रूप में उभर कर सामने आ रहा है। पंचायत का महत्व बहुत ही अधिक है और इस दिशा में बहुत ही ज्यादा कार्य करने की अभी आवश्यकता है। इसके लिए हमें सरकारी योजनाओं को धरातल पर लागू करना होगा जिससे अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति को योजनाओं का सही से लाभ मिल सके और इसी तरह के अन्य कार्यों को धरातल पर उतार कर पंचायत को मजबूत बनाया जा सकता है।
जिला परिषद अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष ने पंचायतों के वर्तमान प्रदर्शन का आकलन, कमजोरियों और संभावनाओं की पहचान करने की पहल को सराहनीय बताते हुए पंचायती राज व्यवस्था के माध्यम से ग्राम-पंचायतों के सतत विकास पर बल दिया।
सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी एवं प्रखंड प्रमुख को संबोधित करते हुए कहा गया कि अपने स्तर से अपने प्रखंडों के किसी एक पंचायत को मॉडल पंचायत (आदर्श पंचायत) के रूप में चिन्हित कर कार्य करें एवं पंचायत को विकसित करें। उन्होंने कहा कि पंचायत उन्नति सूचकांक के जो भी इंडेक्स यहां प्रस्तुत किए गए हैं सभी के विषय में विस्तृत ट्रेनिंग सभी प्रखंड में दिया जायेगा।
सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी अपने-अपने प्रखंडों के पंचायत में नियमित भ्रमण करें तथा सभी कार्य सुचारू रूप से चल रहे हैं इस बात को सुनिश्चिति करें। पंचायत को नेचुरल एवं सस्टेनेबल रूप से विकसित करते हुए फंक्शनल बनाएं। PAI में बेहतर स्कोर हासिल करने के उद्देश्य से उप विकास आयुक्त ने पदाधिकारी एवं जनप्रतिनिधियों को समन्वय बनाकर कार्य करने की बात कही।
यह सूचकांक स्थानीयकृत सतत विकास लक्ष्यों (Localized SDGs) के अनुरूप तैयार किया गया है और इसमें नौ प्रमुख विषय शामिल हैं-
गरीबी मुक्त एवं बेहतर आजीविका वाली पंचायत – रोजगार, आय के अवसर और गरीबी उन्मूलन पर जोर ।
स्वस्थ पंचायत – स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता, पोषण और स्वास्थ्य जागरूकता।
बाल अनुकूल पंचायत – बच्चों के अधिकार, शिक्षा, पोषण एवं सुरक्षा।
जल पर्याप्त पंचायत – स्वच्छ पेयजल, जल संरक्षण और प्रबंधन।
स्वच्छ एवं हरित पंचायत – कचरा प्रबंधन, स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण।
आत्मनिर्भर पंचायत – स्थानीय उत्पादन, स्वरोजगार और आर्थिक स्वावलंबन।
सामाजिक न्याय एवं सुरक्षित पंचायत – सभी वर्गों के लिए समान अवसर और सुरक्षा।
सुशासन युक्त पंचायत – पारदर्शी और जवाबदेह प्रशासन।
महिला-अनुकूल पंचायत – महिलाओं की भागीदारी, नेतृत्व और सशक्तिकरण।
इस सूचकांक के आधार पर, पंचायतों को पांच श्रेणियों में वर्गीकृत किया जाता है:
• अचीवर (Achiever): 90+ अंक
• फ्रंट रनर (Front Runner): 75 से 90 के बीच अंक
• परफ़ॉर्मर (Performer): 60 से 75 के बीच अंक
• आकांक्षी (Aspirant): 40 से 60 के बीच अंक
• बिगिनर (Beginner): 40 से कम अंक
उपायुक्त श्री कर्ण सत्यार्थी ने अपने संदेश में कहा कि पंचायत उन्नति सूचकांक (PAI) 1.0 के रूप में वित्त वर्ष 2022-23 के लिए पहली बार पंचायत उन्नति सूचकांक बेसलाइन रिपोर्ट जारी की गई है, जिसके तहत साक्ष्य आधारित ग्रामीण विकास को बढ़ावा मिला। इस जिले में गरीबी मुक्त और बेहतर आजीविका पंचायत विषय पर ग्राम पंचायत मानुषमुड़िया, बहरागोड़ा प्रखंड, स्वास्थ्य पंचायत विषय पर ग्राम पंचायत मौदाशोली, धालभूमगढ़ प्रखंड, बाल हितैशी पंचायत विषय पर ग्राम पंचायत कईलीसूता, मुसाबनी प्रखंड, जल पर्याप्त पंचायत विषय पर ग्राम पंचायत उत्तरी बदिया, मुसाबनी प्रखंड, स्वच्छ और हरित पंचायत विषय पर ग्राम पंचायत हेन्दलजुड़ी. घाटशिला प्रखण्ड, आत्मनिर्भर आधारभूत संरचना वाली पंचायत विषय पर ग्राम पंचायत राजलाबाँध, बहरागोड़ा प्रखंड, सामाजिक रूप से न्यायपूर्ण और सामाजिक रूप से सुरक्षित पंचायत विषय पर ग्राम पंचायत सिंहपुरा, गुड़ाबांदा प्रखंड, सुशासन वाली पंचायत विषय पर ग्राम पंचायत महुलबनी, पटमदा प्रखंड तथा महिला हितैशी विषय पर ग्राम पंचायत घाटशिला, घाटशिला प्रखंड, PAI.1.0 SCORE श्रेष्ठ है।
सभी ग्राम पंचायतों का विषय वस्तु/लक्ष्य/सकेतक एवं डेटा पॉइट ससमय उपलब्ध कराना तथा श्रेष्ठ कार्य प्रदर्शित करना अन्य पंचायतों को प्रेरित करता है। आइए हम सभी 2030 तक सतत् विकास लक्ष्यों की ओर अग्रसर भारत में अपना बहुमूल्य सहयोग दें।