बौद्ध धर्म गुरु भंदत ज्ञानेश्वर महाथेरो को श्रद्धांजलि, प्रदेश कार्यसमिति सदस्य डॉ. शिवजी कुशवाहा ने व्यक्त किया शोक

कुशीनगर से अमरेंद्र कुशवाहा की विशेष रिपोर्ट —

कुशीनगर। प्रदेश कार्यसमिति सदस्य, पिछड़ा वर्ग मोर्चा, भारतीय जनता पार्टी उत्तर प्रदेश डा० शिवजी कुशवाहा ने बौद्ध धर्म गुरु भंदत ज्ञानेश्वर महाथेरो के निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की है।

ज्ञात हो कि भंदत ज्ञानेश्वर महाथेरो, जो कि म्यांमार बुद्ध विहार के प्रमुख एवं भिक्षु संघ कुशीनगर के अध्यक्ष थे, ने 31 अक्टूबर 2025 को लखनऊ के मेदांता हॉस्पिटल में अंतिम सांस ली। उनके निधन से बौद्ध समाज सहित पूरे देश-विदेश में शोक की लहर दौड़ गई है।

भंदत ज्ञानेश्वर महाथेरो के शिष्य देश-विदेश में फैले हुए हैं। इसी कारण उनके पाथिक शरीर को 10 नवंबर 2025 तक सुरक्षित रखा गया है, ताकि दूर-दराज़ से आने वाले अनुयायी अंतिम दर्शन कर सकें।

श्रीलंका बौद्ध बिहार के बिहाराधिपति डॉ० नंद रतन भंते महाथेरो ने बताया कि भंदत ज्ञानेश्वर जी का जन्म सन 1936 में वर्मा (म्यांमार) में हुआ था। उन्होंने अपना संपूर्ण जीवन बुद्ध की शिक्षाओं के प्रचार-प्रसार में समर्पित कर दिया था। वे 1963 ई० में कुशीनगर आए और यहीं की नागरिकता ग्रहण की।

भंदत ज्ञानेश्वर महाथेरो ने थाईलैंड, कोरिया, श्रीलंका, ताइवान, नेपाल, तिब्बत, चीन आदि देशों की यात्राएं कीं और बुद्ध के पंचशील, अष्टांगिक मार्ग और करूणा के सिद्धांतों का प्रचार किया। उन्होंने वैश्विक महामारी कोरोना काल में भी लोगों की निस्वार्थ सेवा की थी।

उनके प्रिय शिष्य अशोक ने कहा कि “गुरु जी का देहावसान हमारे लिए अपूरणीय क्षति है।” वहीं, म्यांमार मंदिर के राम नगीना ने बताया कि भंते ज्ञानेश्वर के अंतिम संस्कार से पूर्व बौद्ध समुदाय द्वारा कई धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे—

10 नवंबर 2025 की सुबह 6:00 बजे महानिर्माण मंदिर में पूजा-वंदन

7:00 बजे बोधिवृक्ष की वंदना

9:00 बजे भंते जन्मोत्सव

11:00 से 12:00 बजे तक संधदान

11 नवंबर को सुबह 9:00 से 11:00 बजे तक पुनः संधदान

12:00 से 2:00 बजे तक भंदत ज्ञानेश्वर महाथेरो के पाथिक शरीर का दाह संस्कार किया जाएगा।

इस अवसर पर भंते शीलरतन, भंते यशपाल, भंते तेजेंद्र, समाजसेवी महेंद्र कुशवाहा सहित अनेक बौद्ध भिक्षु एवं श्रद्धालु उपस्थित रहे।