बृजमनगंज, महराजगंज। बृजमनगंज थाना क्षेत्र के ग्रामसभा फूलमनहां स्थित अंबेडकर पार्क में आयोजित पांच दिवसीय बौद्ध धम्म जागरण के तीसरे दिन सम्राट अशोक के जीवन, उनके धम्म परिवर्तन और बौद्ध धर्म के विश्वव्यापी प्रचार-प्रसार में दिए गए योगदान पर गहन विचार–मंथन किया गया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में श्रद्धालु, सामाजिक कार्यकर्ता और बुद्ध अनुयायी उपस्थित रहे।

मुख्य प्रवचनकर्ता राष्ट्र कवि आर. एल. बौद्ध ने बताया कि कलिंग युद्ध की भयावहता से व्यथित होकर सम्राट अशोक ने हिंसा का मार्ग त्याग दिया और भगवान बुद्ध के करुणा, अहिंसा एवं मैत्री के सिद्धांतों को अपने जीवन और शासन का आधार बनाया। बौद्ध धर्म को स्वीकार करने के बाद उन्होंने न केवल व्यक्तिगत आचरण में धम्म को अपनाया, बल्कि उसके प्रचार-प्रसार के लिए संगठित प्रयास भी किए।
आर. एल. बौद्ध ने कहा कि सम्राट अशोक ने अपने पुत्र महेन्द्र और पुत्री संघमित्रा को श्रीलंका सहित अन्य देशों में बौद्ध धर्म के प्रचार हेतु भेजा, जिससे वहां धम्म की सुदृढ़ स्थापना हुई। उन्होंने बताया कि अशोक द्वारा स्थापित धम्म स्तंभों और शिलालेखों के माध्यम से जनकल्याण, सामाजिक समरसता, न्याय, नैतिकता और मानवता का संदेश जन-जन तक पहुंचाया गया, जो आज भी प्रासंगिक है।
कार्यक्रम का शुभारंभ समाज सेविका डॉ. सावित्री भारती द्वारा दीप प्रज्वलन के साथ किया गया। इस अवसर पर रविन्द्र यादव, बबलू चौरसिया, डॉ. महेन्द्र भारती, जितेन्द्र कुमार, डॉ. विशाल सहित अनेक गणमान्य नागरिक, सामाजिक कार्यकर्ता और क्षेत्रीय श्रद्धालु उपस्थित रहे।
