जमशेदपुर (झारखंड)। समाहरणालय सभागार में उप विकास आयुक्त श्री नागेन्द्र पासवान की अध्यक्षता में आयुष विभाग की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में जिले में संचालित आयुष स्वास्थ्य केन्द्र, स्वास्थय सेवाओं एवं अन्य गतिविधियों की विस्तृत समीक्षा की गई।
उप विकास आयुक्त ने निर्देशित किया कि जिला अंतर्गत सभी 28 आयुष स्वास्थ्य केन्द्रों में नियमित और ससमय ओपीडी का संचालन सुनिश्चित करायें, इलाज के लिए आने वाले मरीजों का रिकॉर्ड रखा जाए, फॉलो अप हो तथा केस स्टडी भी करें।
नागरिकों को प्राचीन आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति के बारे में जागरूक करें तथा उन्हें लाभ पहुंचायें। बैठक में एनसीडी (Non-Communicable Disease) जैसे मधुमेह, उच्च रक्तचाप, थॉयराइड एवं अन्य गैर-संचारी रोगों की पहचान और नियंत्रण के लिए विशेष पहल करने का निर्देश दिया गया।
उप विकास आयुक्त द्वारा ऑस्टियोआर्थराइटिस एवं अन्य अस्थि-मांसपेशीय विकारों के प्रबंधन हेतु चिकित्सा सेवाओं की समीक्षा की गई। वरिष्ठ नागरिकों को सहयोग एवं सुविधा देने के लिए वयो-मित्र योजना तथा ओल्ड एज होम में जेरियाट्रिक कैम्प के आयोजन की प्रगति पर भी चर्चा हुई। बैठक में बच्चों और किशोरों में स्वास्थ्यप्रद जीवन शैली को प्रोत्साहित करने के लिए चल रहे आयुर्विद्या- हेल्दी लाइफस्टाइल स्कूल प्रोग्राम की गतिविधियों पर बल दिया गया।
दीर्घकालिक रोगियों के लिए करुण्या (Palliative Care) के तहत दी जाने वाली सुविधाओं की भी समीक्षा की गई। इसके अतिरिक्त, ग्रामीण क्षेत्रों में समग्र स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु आयुष ग्राम कार्यक्रम के क्रियान्वयन पर चर्चा हुई।
महिलाओं के स्वास्थ्य एवं मासिक धर्म स्वच्छता के प्रति जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से पी.वी.टी.जी- आयुष कैम्प नियमित लगाने का निर्देश दिया गया। साथ ही पी.वी.टी.जी समुदाय के बीच सैनिटरी पैड का वितरण और स्वच्छता के प्रति जागरूक करने का निर्देश दिया गया ।
उप विकास आयुक्त ने संबंधित पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि सभी कार्यक्रमों का क्रियान्वयन समयबद्ध एवं प्रभावी ढंग से सुनिश्चित किया जाए, ताकि जिले के आम नागरिकों को अधिकतम लाभ मिल सके।
उन्होंने कहा कि इन योजनाओं से समाज में न केवल स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ेगी बल्कि नागरिकों को गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सुविधा भी उपलब्ध होगी।