झांसी महानगर: बुंदेलखंड विश्वविद्यालय में हुआ महिला जन सशक्तिकरण गोष्ठी का आयोजन

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झांसी दिनांक – 04.07.2023

मा0 राज्य सूचना आयुक्त के मुख्य आतिथ्य में महिला जन सशक्तिकरण गोष्ठी का आयोजन बुंदेलखंड विश्वविद्यालय में संपन्न

संविधान में महिलाओं को पुरुषों के समान शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार

किसमत उन्हीं का साथ देती है जो लोग संघर्ष के पथ पर चलते हैं

अपनी प्रतिभाओं को पहचाने, जिससे सीमित संसाधनों के बाद भी आप अपने लक्ष्य को शतप्रतिशत रूप से प्राप्त कर सकें : मा0 राज्य सूचना आयुक्त, किरण बाला चौधरी।

    झांसी : आज कुलपति बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय, झांसी प्रो0 मुकेश पाण्डेय की अध्यक्षता में महिला अध्यन केंद्र बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय, झांसी के द्वारा "महिला सशक्तिकरण" विषय पर एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन विश्वविद्यालय के कुलपति कमेटी हॉल में किया गया। गोष्ठी में मा0 राज्य सूचना आयुक्त श्रीमती किरण बाला चौधरी मुख्य अतिथि, प्राचार्य सिद्धार्थ विश्वविद्यालय कपिलवस्तु डॉ0 नीता यादव विशिष्ठ अतिथि तथा शिक्षाविद एवं वरिष्ठ समाज सेविका डॉ0 नीति शास्त्री सारस्वत अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।
    कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों द्वारा मां सरस्वती जी के चित्र पर दीप प्रज्वलन एवं माल्यार्पण कर किया गया। इसके पश्चात उपस्थित अतिथियों का पुष्पगुच्छ भेंट कर स्वागत किया गया।
    इस अवसर पर परीक्षा नियंत्रक, बुंदेलखंड विश्वविद्यालय झांसी ने कहा कि इस विश्वविद्यालय के मुखिया माननीय कुलपति जी के मार्गदर्शन में इस विश्वविद्यालय की सुगंध विश्वभर में प्रसारित हो रही है। उन्होंने कहा कि हाल ही में हुए बीएड प्रवेश परीक्षा - 2023 का आयोजन सकुशल रूप से संपन्न कराने में कुलपति महोदय की विशेष भूमिका रही है। महिला सशक्तिकरण पर अपने विचार प्रस्तुत करते हुए उन्होंने कहा कि सशक्तिकरण शब्द में अत्यधिक महानता निहित है, महिला सशक्तिकरण हमारे देश की प्रमुख विशेषताओं में से एक है, हमें महिलाओं का सदैव सम्मान करना चाहिए जिससे उन्हें समाज में एक समान स्थान प्राप्त हो सके तथा वह हमारे देश एवं समाज की उन्नति में सहयोगी बन सकें।
    इस अवसर पर वित्त अधिकारी बुंदेलखंड विश्वविद्यालय ने कहा कि माननीय कुलपति जी की विचारधारा एक कुशल नेतृत्व करता एवं लीडरशिप का मूर्त रूप उदाहरण है। उन्होंने कहा कि महिला सशक्तिकरण के दृष्टिगत हमारे विश्वविद्यालय में छात्राओं के विकास के लिए दिन प्रतिदिन नए-नए प्रयास किए जा रहे हैं, विश्वविद्यालय प्रशासन माननीय सूचना आयोग के निर्देशन में समय से आवेदन कर्ताओं को सूचनाएं उपलब्ध कराने के लिए पूर्ण रूप से तत्पर है।
    महिला सशक्तिकरण गोष्ठी में विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित डॉक्टर नीता यादव ने अपने संबोधन में कहा कि इस विश्वविद्यालय में सीखने के लिए शिक्षा का एक उत्कृष्ट गुणवत्ता का वातावरण विद्यमान है। महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में कार्य करते हुए हमारे द्वारा ऐसे क्षेत्रों में जाकर जहां शिक्षा की अत्यधिक कमी है महिलाओं को शिक्षित करने का एवं सशक्त बनाने का कार्य किया जाता है उन्होंने कहा कि ऐसे पुरुष जो महिलाओं को सशक्त बनाने में अपना सहयोग प्रदान करते हैं वह वंदन अभिनंदन के पात्र हैं।
    इस दौरान गोष्ठी में उपस्थित समाज सेविका डॉ नीति शास्त्री ने अपने संबोधन में कहा कि मातृशक्ति को सशक्त बनाने के लिए परमात्मा ने नारी को अवतरित किया है। नारीशक्ति पुरुष की प्रथम गुरु होती है। जो मां जन्म देती है, वह गुरु और जो शिक्षा प्रदान करने वाले होते हैं उन्हें परमगुरु के नाम से जाना जाता है। उन्होंने कहा कि माननीय कुलपति जी की शीतलता अतुलनीय है। गुरु के समान इस विश्व में दूसरा कोई और नहीं है। उन्होंने बताया कि मैं बुंदेलखंड विश्वविद्यालय की छात्रा रही, यह विश्वविद्यालय निश्चित ही छात्र के भविष्य निर्माण में एक अहम भूमिका अदा करता है।
    इस अवसर पर कुलपति बुंदेलखंड विश्वविद्यालय प्रोफेसर मुकेश पांडे ने कहा कि यह विद्यालय महिला सशक्तिकरण की दिशा में निरंतर नए-नए आयामों पर प्रगति के साथ कार्य कर रहा है। शिक्षा के क्षेत्र में महिलाओं का विशेष योगदान रहता है। उन्होंने कहा कि शिक्षा और ज्ञान का संगम व्यक्ति को आत्मनिर्भर बनाता है। ग्रामीण क्षेत्रों में छात्राओं के विकास के लिए वर्तमान सरकार द्वारा तत्परता के साथ प्रगतिशील प्रयास किए जा रहे हैं, इसके साथ ही महिलाओं की सुरक्षा एवं समृद्धि हेतु मिशनशक्ति के तहत अनेक महिला कल्याणकारी योजनाएं शासन प्रशासन द्वारा सरकार के दिशा निर्देशन में संचालित की जा रही है। आज देश की उन्नति की बागडोर महिला वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण जी के हाथों में सुसज्जित है जिससे हमारा देश आर्थिक क्षेत्र में निरंतर प्रगति की ओर अग्रसर है और महिलाओं की आर्थिक स्थिति में वृद्धि हेतु अनेक सकारात्मक कार्य किए जा रहे हैं।
    गोष्ठी को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि ने अपने संबोधन में कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन महिलाओं को सशक्त बनाने के साथ-साथ परिवारों को सहेजने का कार्य करता है। उन्होंने कहा कि महिला सशक्तिकरण में पुरुषों का सहयोग एक प्रमुख कारक है। पुरुषों को मातृशक्ति का सम्मान करना चाहिए जिससे हमारी आने वाली पीढ़ियों में महिलाओं को समाज में समानता के साथ आगे बढ़ने के अवसर प्राप्त हो सके। संविधान में महिलाओं को पुरुषों के समान  शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार प्रदान किया गया है। परिवार में महिलाओं के रूप में बेटियों को सशक्त बनाने का कार्य पिता द्वारा किया जाता है। उन्होंने कहा कि हमारी बेटियां शिक्षा रूपी अस्त्र को धारण कर समाज में किसी भी चुनौती का सामना कर सकती हैं, इसलिए प्रत्येक अभिभावक अपनी बेटियों को अनिवार्य रूप से शिक्षा दिलाएं, जिससे वह समाज एवं देश को उन्नति के पथ पर आगे ले जा सके। उन्होंने कहा कि किसमत उन्हीं का साथ देती है जो लोग संघर्ष के पथ पर चलते हैं। हमें सदैव अपनी प्रतिभाओं को पहचानना चाहिए, जिससे सीमित संसाधनों के बाद भी संघर्ष करते हुए हम अपने लक्ष्य को शतप्रतिशत रूप से प्राप्त कर सकें।
    महिला सशक्तिकरण गोष्ठी का संचालन डॉ अचला पांडे द्वारा किया गया।

गोष्टी के दौरान वित्त अधिकारी श्री वसीम मोहम्मद, रजिस्ट्रार यूनिवर्सिटी श्री विजय कुमार सिंह, परीक्षा नियंत्रक श्री राज बहादुर यादव, डॉ नेहा जैन, डॉ शुभांगी निगम, प्रोफेसर अपर्णा राज सहित विश्वविद्यालय प्रशासन के अन्य अधिकारी, शिक्षक एवं कर्मचारी गण उपस्थित रहे।

टीम मानवाधिकार मीडिया से ब्यूरो रिपोर्ट झांसी।

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