हल्बापारा मिचेसुखई स्कूल को मिला गोल्ड प्रमाण-पत्र 

छत्तीसगढ़

प्रमाण पत्र मिलने पर ग्रामीणों व पालकों ने जताई खुशी

दुर्गूकोंदल। स्कूली बच्चों में अकादमिक कौशल बढ़ाने तथा बच्चों में बुनियादी दक्षता विकसित करने के उद्देश्य से प्रदेश शासन की ओर से अतिमहत्वपूर्ण सुग्घर पढ़वईया योजना चला रही है।  14 नवम्बर 2022 को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस योजना की शुरुआत की थी जिसके तहत एससीईआरटी, आईएएसई बिलासपुर, सीटीई रायपुर एवं समस्त डाइट्स के अकादमिक सदस्यों की संयुक्त टीम ने स्कूली बच्चों में वास्तविक स्तर का आकलन किया था।  राज्य के 39 हजार से अधिक प्राइमरी व मिडिल स्कूलों ने संस्थागत स्कूली बच्चों के स्तर आकलन हेतु चुनौती दी थी। जिनमें से 4 हजार से अधिक स्कूल ही थर्ड पार्टी आकलन के लिए तैयार हुए। इनमें से 721 स्कूलों का आकलन किया गया। इस योजना में कांकेर जिला अव्वल रहा। दुर्गूकोंदल के मर्रामपानी संकुल अंतर्गत रोल मॉडल प्राइमरी स्कूल हल्बापारा मिचेसुखई ने गोल्ड प्रमाण-पत्र के लिए चयनित होकर स्कूल , गांव , विकासखंड और जिले का  नाम रोशन किया है। इस पर ग्राम हल्बापारा मिचेसुखई के ग्रामीण पालकों ने खुशी जताई है। शाला प्रबंधन एवं विकास समिति अध्यक्ष प्रेमलाल खरे ,सोमलाल खरे ने कहा कि अंदुरूनी क्षेत्र होने के बावजूद शिक्षा के क्षेत्र में प्राइमरी स्कूल हल्बापारा मिचेसुखई ने राज्य स्तर पर गोल्ड केटेगरी प्राप्त कर पहचान बनाई है। यहाँ के शिक्षकों की कड़ी मेहनत की बदौलत ही बच्चों का शिक्षा स्तर बेहतर हुआ है। हल्बापारा मिचेसुखई में शाला स्टॉफ की कमी के बावजूद स्कूली बच्चों ने बेहतरीन प्रदर्शन कर प्रदेश स्तर पर स्थान बनाया है जो कि एक बड़ी उपलब्धि है। संस्था के प्रधानपाठक मुकेश बघेल, प्रधानपाठक शिवलाल बघेल, हंसाराम राना, संकुल समन्वयक टेकेश्वर साहू, संकुल प्राचार्य प्रकाश गोस्वामी, प्रमिला सोम, ग्रामीण शकुन्ता बाई, केजई बाई , ऱमेश गोयल, ललित गोयल, ईश्वरी, हीरालाल खरे सहित समस्त पालकों व ग्रामवासियों ने खुशी जाहिर की है।