खंडीघाट बचाओ संघर्ष समिति का अनिश्चित कालीन धरना प्रदर्शन 81वें दिन भी जारी

छत्तीसगढ़

दुर्गूकोंदल। खंडीघाट बचाओ संघर्ष समिति के बैनर तले रेलवे लाईन और नये खदान के विरोध में अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन ग्राम भेजर में चल रहा है। मेजर आंदोलन पिछले 81वें दिन से चल‌ रही है। इस आंदोलन में बारी बारी से ग्रामीण आंदोलन को गति देने प्रतिदिन शामिल हो रहे हैं। बस्तर के विभिन्न आंदोलन के नेतृत्वकर्ताओं ग्राम भेजर पहुंचकर आंदोलन को समर्थन दिया। बस्तर जनसंघर्ष समिति रघु पोड़ियामी, बस्तर जनसंघर्ष समिति उपाध्यक्ष मैनी कचलामी, सर्व आदिवासी समाज सर्कल छोटेबेठिया अजित नुरेटी, आदिवासी छात्र युवा संगठन सर्कल छोटेबेठिया अध्यक्ष सोमा नुरुटी, बस्तर जन संघर्ष समिति सचिव सुनीता पोटम, बुरजी आंदोलन सदस्य सावित्री टोटम, सिलगेर आंदोलन से
मुन्ना पुनम, नागेश भास्कर ने ग्राम भेजर पहुंचकर खंडीघाट बचाओ संघर्ष समिति के बैनर तले चल रहे अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन समर्थन किया। समर्थन में पहुंचे प्रमुखों ने कहा यह आंदोलन की कड़ी नहीं टूटनी चाहिए, बस्तर के जल जंगल जमीन, आदिवासियों के अस्मिता के लिए संघर्ष जारी रखें। इन्होंने कहा हमें खदान नहीं चाहिए, रेलवे लाइन नहीं चाहिए। यह पांचवीं अनुसूची क्षेत्र है, पेशा नियम लागू है। बिना ग्राम सभा के कोई भी जबरदस्ती कार्य स्वीकार नहीं करेंगे। इस अवसर पर सर्व आदिवासी समाज युवा प्रभाग ब्लॉक अध्यक्ष कुबेरसिंह दर्रो, सर्कल सुरूंगदोह अध्यक्ष बहादुर तुलावी, सरपंच छेरकूराम तुलावी, सरपंच कलिता आचला, आदिवासी युवा छात्र संगठन अध्यक्ष मानसू आचला, घंडीघाट संघर्ष समिति अध्यक्ष शंकर तुलावी, धनसाय हुर्रा सहित बड़ी संख्या में क्षेत्र के ग्रामीण उपस्थित थे।