स्व. माधवराव सिंधिया की प्रतिमा को लेकर विभिन्न सामाजिक संगठनों का विरोध तेज

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स्व. माधवराव सिंधिया की प्रतिमा को लेकर विभिन्न सामाजिक संगठनों का विरोध तेज

शहर के सर्किट हाउस में लगाई जा रही स्वर्गीय माधवराव सिंधिया की प्रतिमा को लेकर विभिन्न सामाजिक संगठनों ने विरोध तेज कर दिया है। लोगों का विरोध इस बात को लेकर भी है कि आखिर विश्राम गृह में प्रतिमा किसकी इजाजत से लगाई जा रही है। क्योंकि प्रतिमा लगाए जाने से पहले नगर पालिका से एनओसी नहीं ली गई। प्रतिमा स्थल के सौंदर्यीकरण के लिए शासन से मिली राशि को भी नगर पालिका ने लौटा दिया था।
दरअसल, सर्किट हाउस में लगाई गई स्वर्गीय माधवराव सिंधिया की प्रतिमा शुरुआत से ही विवादों में घिरी है। करीब 8 माह पहले अचानक प्रतिमा खड़ी कर दी गई। जब लोगों को इस बारे में पता चला तो क्षत्रिय महासभा ने इसका विरोध जताया। क्षत्रिय महासभा के जिला अध्यक्ष पुष्पेंद्र सिंह ने बताया कि प्रतिमा लगाने के लिए नगर पालिका और पीडब्ल्यूडी दोनों विभागों ने एनओसी नहीं दी थी। बावजूद इसके नियम विरुद्ध तरीके से प्रतिमा खड़ी कर दी गई। शुरुआती विरोध के बाद मामला करीब 6 माह तक ठंडे बस्ते में रहा। अब एक बार फिर 5 अगस्त को प्रतिमा के अनावरण की तारीख तय की गई है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के साथ केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को प्रतिमा का अनावरण करना है। जिसके चलते अधूरे निर्माण कार्य को आनन-फानन में पूजा किया जा रहा है, लेकिन कोई भी अधिकारी यह बताने को तैयार नहीं है कि आखिर निर्माण कार्य कौन करा रहा है।

नगर पालिका ने लौटा दी थी राशि
सर्किट हाउस में प्रतिमा लग जाने के बाद शासन से 24 लाख रुपए सौंदर्यीकरण के लिए दिए गए थे। यह राशि नगर पालिका को जारी की गई थी। नपा अध्यक्ष अब्दुल गफ्फार का कहना है कि प्रतिमा लग जाने के बाद राशि आई थी। इसलिए जिला प्रशासन को राशि लौटा दी थी। अब नहीं पता कि निर्माण कौन करा रहा है।

पीडब्ल्यूडी विभाग ने पल्ला झाड़ा
इस मामले को लेकर पीडब्ल्यूडी विभाग ने भी पल्ला झाड़ लिया है। पीडब्ल्यूडी ईई इंद्र कुमार शुक्ला का कहना है कि नगर पालिका की ओर से प्रतिमा स्थल पर निर्माण कराया जा रहा होगा। इस बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है।