

झांसी दिनांक 09 अगस्त 2023
खरीफ किसान पाठशाला के दूरगामी परिणाम होंगे, अधिक से अधिक किसान पाठशाला का लाभ उठाएं
जनपद की 496 ग्राम पंचायतों में खरीफ किसान पाठशाला का हुआ शुभारंभ, अपराहन 2:30 से 5:30 तक लगेगी क्लास
खरीफ किसान पाठशाला में तैनात किए गए समस्त अधिकारी समय से उपस्थित रहना सुनिश्चित करें, शिथिलता बरतने पर होगी कार्यवाही :-जिलाधिकारी
भारतीय प्राकृतिक कृषि पद्धति के अन्तर्गत गौ आधारित प्राकृतिक खेती योजनांतर्गत कृषकों को दी जाए जानकारी
गौ आधारित खेती करने के लिए कृषकों को पाठशाला के बाद क्षेत्र का भ्रमण कराकर उक्त पद्धति अपनाए जाने हेतु किया जाए प्रेरित
गौ आधारित खेती के माध्यम से खेती की लागत होगी कम और मुनाफा होगा दोगुना एवं भूमि में सूक्ष्म जीवाणुओं की संख्या में भी होगी बढ़ोत्तरी :- जिलाधिकारी
आज जनता दर्शन के दौरान जिलाधिकारी श्री रविंद्र कुमार ने आए हुए किसान प्रतिनिधियों से अपील करते हुए कहा कि जनपद में खरीफ किसान पाठशाला का आयोजन दिनांक 07 अगस्त से 25 अगस्त 2023 तक जनपद की समस्त 496 ग्राम पंचायतों में होगा। उन्होंने कृषकों से अपील करते हुए कहा कि अधिक से अधिक किसान उक्त पाठशाला में प्रतिभाग करना सुनिश्चित करें।
जिलाधिकारी ने किसान प्रतिनिधियों से बात करते हुए कहा कि किसानों की आय बढ़ाने और खेती-किसानी की लागत कम करने के प्रयासों में खरीफ किसान पाठशाला की महती भूमिका है, पाठशाला में किसानों को नई-नई तकनीकी की जानकारी देते हुए खेती को आसान किए जाने पर विस्तृत चर्चा होगी। उन्होंने कहा कि किसानों को कृषि यंत्र पर 50% से लेकर 80% तक का अनुदान शासन द्वारा दिया जा रहा है, उन्होंने सुझाव देते हुए कहा कि छोटे-छोटे के साथ संगठित होकर एफपीओ गठित करें और कृषि यंत्रों का लाभ लें ताकि खेती कार्य में सुधार के साथ ही उत्पादकता में बढ़ोतरी हो।
संपूर्ण प्रदेश में दिनांक 07 अगस्त 2023 को माननीय कृषि मंत्री उत्तर प्रदेश मा0 श्री सूर्य प्रताप शाही जी द्वारा खरीफ किसान पाठशाला का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शुभारंभ किया गया, जिसमें उन्होंने खरीफ किसान पाठशाला में किसानों को नई-नई तकनीक और जानकारियां उपलब्ध कराते हुए किसानों की फसल को और बेहतर बनाने के साथ ही फसल की उत्पादकता बढ़ाए जाने के विषय में बताए जाने के निर्देश दिए।
ग्राम बरमाईन विकासखंड बामौर में आयोजित खरीफ किसान पाठशाला में जानकारी देते हुए विषय वस्तु विशेषज्ञ श्रीमती अल्पना बाजपेई ने बताया कि गौ आधारित खेती करने वाले कृषकों को क्षेत्र का भ्रमण कराकर अधिकाधिक कृषकों को उक्त पद्धति अपनाये जाने हेतु प्रेरित करना शासन की प्रथम वरीयता है, गौ आधारित प्राकृतिक खेती के सम्बन्ध में जानकारी प्रदान किये जाने हेतु हेल्पलाइन स्थापित किये जाने की जानकारी भी किसानों को दी। पाठशाला में उपस्थित कृषकों को गौ आधारित खेती में उपयोग किये जाने वाले जीवामृत/धन जीवामृत तैयार करने का प्रदर्शन एवं बीजामृत से बीजों का शोधन करने की जानकारी दी गई। खरीफ किसान पाठशाला में प्रतिभाग करने वाले कृषकों को प्राकृतिक खेती के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी देते हुए जीवामृत् तैयार किये जाने के साथ ही उसके उपयोग की विधि को भी कृषकों से साझा किया।
विकासखंड बामौर के ग्राम बरमाईन में खरीफ किसान पाठशाला के दौरान विषय वस्तु विशेषज्ञ श्रीमती अल्पना बाजपेई ने मोटा अनाज की खेती को प्रोत्साहन देते हुए किसानों को मोटे अनाज की खेती का जनपद में दायरा बढ़ाने और उससे दूर होने वाली बीमारियों की जानकारियां दी। विषय वस्तु विशेषज्ञ ने किसानों को सम्बोधित करते हुए कहा कि मोटे अनाज की उपयोगिता को देखते हुए 2023 को दुनिया भर में मोटा अनाज वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है। आहार एवं पोषण विशेषज्ञ मोटे अनाजों की खुबियों से इतने प्रभावित है कि इन्हें सुपर फुड्स के रूप में मान्यता दे रहे है। इसकी उपयोगिता को देखते हुए सरकार ने श्री अन्न योजना का नाम दिया है। मिलेट्स के बारे में जागरूकता बढ़े इसीलिए प्रशिक्षण के दौरान यह जानकारी दी गई है, उपलब्धता कम होने से महँगा मिलते है। पौस्टिक तत्व भरपूर मात्रा में होने के कारण मोटे अनाज को एनीमिया व कुपोषण की समस्या को दूर करने में सहायक माना जा रहा है।
विषय वस्तु विशेषज्ञ श्रीमती अल्पना बाजपेई नहीं मोटे अनाज के उत्पादन की विधियां एवं खेत को कैसे तैयार किया जाए की भी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मिलेट्स कंपनी में कम खर्च में उगाए जाते हैं फसल खराब भी हो जाए तो चारे के रूप में प्रयोग किया जा सकता है उन्होंने बताया की मिलेट्स फसलों में कोरोनावायरस इन आयरन प्योर जिंक शामिल है, उन्होंने कहा कि अस्थमा रोग में मोटा अनाज बहुत लाभदायक है इसमें विटामिन बी 3 होता है जो शरीर की मेटाबॉलिज्म की प्रक्रिया को ठीक करता है।
खरीफ किसान पाठशाला में गौ आधारित खेती करने वाले तथा गौ आधारित खेती के इच्छुक कृषकों द्वारा प्रतिभाग किया गया। गौ आधारित प्राकृतिक खेती के लाभ कृषकों से साझा करते हुए इस पद्धति से खेती करने हेतु कृषकों से अनुरोध किया गया।
इस मौके पर ग्राम प्रधान श्रीमती रानी देवी,वरिष्ठ प्राविधिक सहायक सुश्री सुमन, विषय वस्तु विशेषज्ञ श्री प्रकाश चंद्र पटेल सहित बड़ी संख्या में महिला कृषक उपस्थित रहीं।
टीम मानवाधिकार मीडिया से ब्यूरो रिपोर्ट झांसी।