बुन्देलखण्ड मे पहली बार हुई धड़कते हुए दिल की बाईपास सर्जरीकमला हॅस्पिटल ने रचा इतिहास

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झाँसी स्वतन्त्रता दिवस के उपलक्ष्य मे बुन्देलखण्ड वासियो को ओपन हार्ट सर्जरी कि सुविधा तोहफे के रूप मे मिली। डा॰ विनोद कुमार मिसुरिया द्वारा सालो पहले देखा हुआ सपना कि हृदय रोग सर्जरी के मरीजो को ओपरेशन के लिए बड़े शहर ना जाना पड़े, वह सपना अब जाकर पुरा हो पाया है। कमला हॅस्पिटल लगभग 40 वर्षो से चिक्तिसा के क्षेत्र मे समय समय पर नई तकनिक व विभागो की स्थापना करता आया है। कुछ सालो पहले ही कार्डियोलॉजी विभाग की स्थापना की गई थी जिसके अंतर्गत कैथलेब द्वारा मरीजो की एंजियोग्राफी, एनजियोप्लास्टी एवं पेसमेकर लगाया जाता था। इसी श्रृंखला को आगे बड़ाते हुये हृदय रोग बाईपास सर्जरी/कार्डियो थोरोश्कि सर्जरी विभाग कि स्थापना हुई। जिससे बुन्देलखण्ड के ओपन हार्ट, वाल्व रिपलेसमन्ट एवं बाईपास सर्जरी के मरीजो को बहुत बड़ी राहत मिलेगी।
रविवार 13 अगस्त को कमला हॅस्पिटल मे दो मरीजो की ओपन हार्ट/बाईपास सर्जरी एवं वाल्व रिपलेसमेन्ट सर्जरी सफलतापुर्वक करके नया र्कीतीमान स्थापित किया। अब से झाँसी का नाम बड़े शहरो के हृदय रोग सुपरस्पेशलिटी हॅस्पिटल की श्रेणी मे शुमार हो गया।
प्रथम मरीज कि उर्म 52 साल है जो कि कई वर्षो से हृदय रोग से ग्रसित था जिसमे कई क्रिटिकल ब्लाकेज थे और जिसका एनजियोपलास्टी से ईलाज संभव नही था। तब मरीज ने कमला हॅस्पिटल के कार्डियक सर्जरी विभाग मे संपर्क किया और हॅस्पिटल मे सारी जांचो के उपरान्त मरीज कि बाईपास सर्जरी के लिए भर्ती कर लिया गया। मरीज की बाईपास सर्जरी करके 4 बाईपास ग्राफ्ट डाले गये। इस ओपरेशन की खास बात यह है कि पूरी सर्जरी धड़कते दिल (Beating Heart) मे कि गई। यह सर्जरी बहुत ही जटील होती है।
दूसरे मरीज कि उर्म 28 साल है जिसका काफी वक्त से हृदय का (रयूमेटिक हार्ट डिजिज) माइट्रल वाल्व सिकोड़ने के कारण काम नही कर पा रहा था एवं दूसरा ट्रायकस्पिड वाल्व भी लीक कर रहा था और मरीज को बार बार थकान व सांस लेने मे दिक्कत थी एंव दिल की धड़कन तेज होने आदि की श्किायत रहती थी। मरीज को छोटे से चीरे (मिनिमल इनवेसिव तकनिक) द्वारा माइट्रल वाल्व (MV) को बदल कर अमेरिकन वाल्व डाला गया और ट्रायकस्पिड वाल्व को रिपेयर किया गया। पूरी सर्जरी मे खास बात यह रही के मरीज के हार्ट को वन्द करके Cardio Pulmonary Heart Machine हार्ट लंग मशीन के सपोर्ट पर डालकर सर्जरी की गई। ओपरेशन के उपरान्त हार्ट को मशीन सपोर्ट से हटा कर पहले जैसा चालू कर दिया गया। यह बहुत जटील सर्जरियो मे से एक है। दोनो मरीजो को ओ॰टी॰ के तुरन्त बाद वैनटिलेटर सर्पोट से भी हटा दिया गया और 5-6 घन्टे बाद मरीज को पानी भी पीला दिया गया। अगले दिन से मरीज को चला भी दिया गया।
दोनो ही मरीजो का ओपरेशन कार्डियक सर्जन डा॰ विवेक लांजे द्वारा किया गया। जिनका साथ कार्डियक परफ़्यूज़निस्ट डॉ विजया लांजे कर्डियोलाजिस्ट डा॰ प्रकाश कुमार एनिसथेसिया डा॰ शुभदीप वा डा॰ मनदीप, आई॰सी॰यू॰ इनर्चाज डा॰ महेन्द्र सिंह भुसारी, फिजिशीयन डा॰ क्रष्ण पाल सिंह आदि इस र्काय को संभव वनाया। इस अवसर पर डा॰ विनोद कुमार मिसुरिया, डा॰ रजत मिसुरिया, डा॰ अर्चना मिसुरिया, डा॰ दिनेश प्रताप, डा॰ जे॰पी॰ चैरसिया आदि मोजुद रहे।
बधाई देते हुए डा॰ पारस गुप्ता, डा॰ सतीश अग्रवाल, डा॰ सौरभ श्रीवास्तव, डा॰ राहुल साहु आदि ने प्रसन्नता जताते हुये कहा इस उपचार के यहा चालू होने से बुन्देलखण्ड वासीयो को बहुत वड़ी राहत मिलेगी।

बुन्देलखण्ड मे पहली बार हुई धड़कते हुए दिल की बाईपास सर्जरीकमला हॅस्पिटल ने रचा इतिहास
बुन्देलखण्ड मे पहली बार हुई धड़कते हुए दिल की बाईपास सर्जरीकमला हॅस्पिटल ने रचा इतिहास