अमेरिका की राजधानी वॉशिंगटन डीसी में हुई एक गंभीर घटना ने देश की सुरक्षा एजेंसियों और राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। बीते दिनों दो नेशनल गार्ड जवानों पर अज्ञात हमलावर ने अचानक गोलीबारी कर दी थी। इस हमले में गंभीर रूप से घायल एक जवान ने अस्पताल में दम तोड़ दिया, जबकि दूसरे का इलाज जारी है।
घटना के बाद ट्रंप प्रशासन ने सुरक्षा चिंताओं को देखते हुए बड़े पैमाने पर इमिग्रेशन नीति में सख़्ती लाने की घोषणा की है।
संदिग्ध अफ़ग़ान नागरिक—बाइडन युग में आया था अमेरिका
अमेरिकी होमलैंड सिक्योरिटी विभाग (DHS) ने बताया कि प्राथमिक जांच में संदिग्ध की पहचान एक अफ़ग़ान नागरिक के रूप में हुई है, जो बाइडन प्रशासन के दौरान शुरू किए गए अफ़ग़ान पुनर्वास कार्यक्रम (Afghan Resettlement Program) के तहत अमेरिका लाया गया था। इस कार्यक्रम के ज़रिए तालिबान शासन के बाद अफ़ग़ान नागरिकों को अमेरिका में बसाया जा रहा था।
रिपब्लिकन नेताओं ने इस घटना के बाद कार्यक्रम की कड़ी आलोचना करते हुए दावा किया है कि संदिग्ध की सुरक्षा जांच पर्याप्त नहीं की गई थी, हालांकि वे अभी तक अपने आरोपों के समर्थन में कोई आधिकारिक सबूत पेश नहीं कर पाए हैं।
DHS का कड़ा फैसला: अफ़ग़ान नागरिकों की सभी इमिग्रेशन रिक्वेस्ट पर रोक
हमले के बाद डिपार्टमेंट ऑफ़ होमलैंड सिक्योरिटी ने एक बड़ा कदम उठाते हुए घोषणा की है कि:
“अफ़ग़ान नागरिकों से जुड़ी सभी लंबित और नई इमिग्रेशन रिक्वेस्ट को तत्काल प्रभाव से रोक दिया जाता है, जब तक कि सुरक्षा और वेरिफ़िकेशन प्रक्रिया की पूरी समीक्षा नहीं हो जाती।”
इस निर्णय का असर हज़ारों ऐसे अफ़ग़ान नागरिकों पर पड़ेगा जो शरण, ग्रीन कार्ड, या पुनर्वास की प्रक्रिया में थे।
हमले के राजनीतिक असर
यह घटना पहले से ही विवादों में घिरे अमेरिका की इमिग्रेशन पॉलिसी को एक बार फिर राष्ट्रीय बहस के केंद्र में ले आई है।
- रिपब्लिकन पार्टी इसे सुरक्षा में “बड़ी चूक” बता रही है।
- वहीं डेमोक्रेट्स का कहना है कि किसी एक घटना के आधार पर पूरे पुनर्वास कार्यक्रम को दोष देना जल्दबाज़ी होगी।
लेकिन मौजूदा हालात देखते हुए साफ है कि आने वाले दिनों में इमिग्रेशन कानूनों में और भी कड़ाई देखने को मिल सकती है।
