महराजगंज, रायबरेली। दिसम्बर माह में ठंड अपने चरम पर होती है और इस समय राहगीरों के लिए सुरक्षित जगहों पर अलाव जलाना अत्यंत आवश्यक है। लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि तहसील प्रशासन और नगर पंचायत ने इस ओर कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। इससे न केवल यात्रियों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, बल्कि आम जनमानस भी ठंड की चपेट में आ रहा है।
प्रशासन की अनदेखी
दिसम्बर माह के पहले सप्ताह के बीतने के बाद न तो मुख्य तिराहे, न ही पुलिस पिकेट या सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर कहीं भी अलाव जलाने का कोई प्रबंध नहीं किया गया है। यहां तक कि तहसील परिसर और कस्बे के अन्य चौराहों पर भी कोई सुविधा नहीं दी गई है। ऐसे में इससे साफ दिखता है कि उच्चाधिकारियों की नजर इस गंभीर मुद्दे पर नहीं जा रही है।
राहगीरों की बढ़ती मुश्किलें
दिल्ली, लखनऊ, और अन्य स्थानों से महराजगंज आने-जाने वाले यात्रियों को जबर्दस्त ठंड का सामना करना पड़ रहा है। सुबह और शाम की ठंड ने आम जनमानस को हैरान और परेशान कर दिया है। इस प्रकार की अनदेखी यह संकेत देती है कि शासन की योजनाओं का सही तरीके से क्रियान्वयन नहीं हो रहा है। इस समय अलाव जलाने की व्यवस्था को प्राथमिकता दी जानी चाहिए, ताकि राहगीरों और आम जनता को राहत मिल सके।