-अगर भारत में शराब-मांस-नशे को जड़ से नष्ट, आमूल-चूल परिवर्तन नहीं किया गया तो एक दिन ऐसा गियर फंसेगा की छुड़ाने से नहीं छूटेगा
शकील अहमद
लखनऊ। इस समय के पूरे समरथ सन्त वक़्त गुरु दुःखहर्ता, उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त जी महाराज ने अधिकृत यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेएम पर लाइव प्रसारित संदेश में बताया कि भारत जैसे धार्मिक देश में बच्चे और बच्चियों के चरित्र का गिरना, इनकी नशे की आदत से ये संकेत मिलता है कि देश का भविष्य अच्छा नहीं रहेगा।
यह जो शराब-मांस खा-पी कर फैसला करते हैं, चाहे जिस भी स्तर के हो, मैं नाम किसी का नहीं लेना चाहता, आलोचना का पाप हम नहीं लेना चाहते, वह सही निर्णय नहीं ले सकते हैं। शाकाहारी आदमी ही सही निर्णय लेगा। आज शरद पूर्णिमा 2024 के दिन मैं आपको बता करके जा रहा हूं कि अगर इन आदतों पर ध्यान नहीं दिया गया, छुड़ाने की कोशिश नहीं किया गया, जड़ से नष्ट, आमूल-चूल परिवर्तन नहीं किया गया तो एक दिन ऐसा गियर फंसेगा कि छुड़ाने से नहीं छूटेगा।
क्योंकि लोग जिस गियर में गाड़ी को ले जाना चाहते हैं, चाहे घर, समाज, देश की व्यवस्था हो, वह गियर फंस जाएगा, फिर जल्दी छूटेगा नहीं। पढ़े-लिखे लोग इस चीज पर ध्यान दो, आपको बता रहा हूं।
भारतीय संस्कृति को बचाने की जरूरत
हम जानते हैं कि आपके पास पावर (अधिकार) नहीं है। कुछ पावर वाले लोग भी बैठे हो, सुन भी रहे हो। आप लोग अपने-अपने स्तर से, इसमें जो हो सके, मदद करो। इस वक्त पर कब किसका बच्चा-बच्ची बिगड़ जाए, नशेबाज, चरित्रहीन हो जाए, कुछ कहा नहीं जा सकता। क्योंकि यह जाल बढ़ता चला जा रहा है। भारतीय संस्कृति को लोग खत्म करने में लगे हुए हैं और जो लोग बचाने में लगे हैं, उन्हीं के बच्चे, वही लोग इसमें इंवॉल्व हैं। तो सोचो इन बच्चों का क्या होगा।
नशे की आदत से बच्चों और युवाओं का चरित्र खतरे में
इसलिए आप अपने-अपने स्तर से शुरू करो। लड़का हो या लड़की हो, उसका ध्यान रखो, समझाओ, बताओ। न समझ में आता हो तो सतसंगों में, साप्ताहिक सतसंगों में, प्रचार-प्रसार में ले जाओ। जैसा साथ पड़ेगा, उसी हिसाब से उसमें परिवर्तन आएगा। संग का असर आता है।
बच्चों का पैदा करना कब सार्थक होगा
आज आप मेरे कहने से अगर चेत जाओ तो यह छोटे बच्चे नहीं बिगड़ेंगे। बड़े पेड़-पौधे को टेढ़ा होने के बाद सीधा करने में थोड़ा समय, युक्ति लगेगा। लेकिन जो पौधा आप अब लगाओ, वो टेढ़ा न होने पावे। छोटे बच्चे बिगड़ने न पावे। इनके ऊपर कोई असर न होने पावे। यह बिल्कुल चंदन जैसा अपने को महसूस कर ले। चंदन विष व्यापत नहीं, लपटे रहे भुजंग।
सांप लिपटे रहते हैं फिर भी चंदन अपनी शीतलता, खुशबू को नहीं छोड़ता है। ऐसे ही जब छोटे बच्चे ऐसा सोच लेंगे, ऐसे बन जाएंगे तो आपका बच्चों को पैदा करना सार्थक हो होगा। वह मां का कोख धन्य होगा जिसमें राम-कृष्ण, कबीर, गोस्वामी, पलटू, गुरु महाराज जैसे सन्त ने जन्म लिया, उस तरह का, आपका कोख धन्य हो जाएगा।
परमात्मा की पूरी शक्ति वाले जयगुरुदेव नाम का जाप करके मुसीबतों से बचा जा सकता है
इसके लिए करना क्या रहेगा? जैसे पहली फिर दूसरी फिर आगे की सीढ़ी पर पैर रखकर चढ़ कर छत पर कोई पहुँच पाता है ऐसे ही सबसे पहली सीढ़ी तो यही जयगुरुदेव नाम है जो इस समय का जीता जागता प्रभु का नाम है। जयगुरुदेव नाम में परमात्मा की पूरी शक्ति इस समय भरी हुई है। बहुतों की संकट में मदद हुई। सब लोग जयगुरुदेव नाम की ध्वनि बोला करो।