रियाज़ अहमद
लखनऊ। आस्था और अकीदत में इतनी शक्ति होती है कि असम्भव से दिखने वाले कार्य को भी अगर ठान लिया जाए तो उसे पूरा करने के लिए ईश्वर अल्लाह खुद मदद करने लगते हैं इसी लिए कहा जाता है कि “हिम्मते मर्दां मददे खुदा” इसी कहावत को चरितार्थ किया है 8 साल की बच्ची अल्फिया बानो ने।
जहाँ बच्चे हर घड़ी कुछ ना कुछ खाते पीते हुए गुजारते हैं और कुछ बड़े बड़े लोग भी रोजा़ रखने की हिम्मत नहीं कर पाते वहीं अवध विहार 03 नं बगिया की रहने वाली 8 साल की अल्फिया बानो ने अपना पहला रोजा़ रख कर मुकम्मल किया।
इस अवसर पर साथ में रोजा़ खोल कर तमाम बड़े और बुजुर्गों ने इस बच्ची की तारीफ करते हुए इसके लम्बी उम्र की दुआएँ कीं।