6 हजार रूपये अर्थदंड, न देने पर एक माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी
जेल में बितायी अवधि सजा में होगी समाहित
साढ़े 6 वर्ष पूर्व डकैती की योजना बनाते समय चाकू के साथ अनपरा पुलिस ने किया था गिरफ्तार
सोनभद्र। साढ़े 6 वर्ष पूर्व डकैती की योजना बनाते समय चाकू के साथ पकड़े गए रामजी बैगा के मामले में बृहस्पतिवार को सुनवाई करते हुए अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम जीतेंद्र कुमार द्विवेदी की अदालत ने दोषसिद्ध पाकर दोषी रामजी बैगा को 7 वर्ष का कारावास व 6 हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर एक माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। जेल में बितायी अवधि सजा में समाहित होगी। अभियोजन पक्ष के मुताबिक अनपरा थाने के उप निरीक्षक दयाशंकर सिंह 2 सितंबर 2018 को पुलिस बल के साथ देखभाल क्षेत्र व रात्रि गस्त में औड़ी मोड़ निकले थे तभी मुखबिर खास के जरिए सूचना मिली कि दुल्ला पाथर शिव मंदिर के पीछे एकत्र होकर कुछ डकैत डकैती की योजना बना रहे हैं अगर मौके पर चला जाए तो पकड़े जा सकते हैं। इस सूचना पर विश्वास करके मुखबिर के जरिए बताए जगह पर पुलिस बल के साथ पहुंच कर मौके से रामजी बैगा को चाकू के साथ व अन्य 4 साथियों को पकड़ लिया। इस तहरीर पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर मामले की विवेचना शुरू कर दिया। विवेचना के दौरान विवेचक ने पर्याप्त सबूत मिलने पर कोर्ट में रामजी बैगा पुत्र शोभनाथ बैगा निवासी कनुहड़ मोरवा, थाना मोरवा, जिला सिंगरौली मध्यप्रदेश समेत अन्य 4 साथियों के विरुद्ध चार्जशीट दाखिल किया था। कोर्ट ने रामजी बैगा की पत्रावली अलग कर सुनवाई किया। मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने, गवाहों के बयान व पत्रावली का अवलोकन करने पर दोषसिद्ध पाकर दोषी रामजी बैगा को 7 वर्ष का कारावास व 6 हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर एक माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। जेल में बितायी अवधि सजा में समाहित होगी। अभियोजन पक्ष की ओर से सरकारी वकील विनोद कुमार पाठक ने बहस की।