रायबरेली। गाँधी जयंती के अवसर पर बुधवार को टीबी मुक्त हुयी 18 ग्राम पंचायतों को मुख्य विकास अधिकारी अर्पित उपाध्याय तथा मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. वीरेंद्र सिंह ने गांधी जी की कांस्य प्रतिमा तथा प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया | यह कार्यक्रम कलेक्ट्रट स्थित बचत भवन में आयोजित हुआ | इसके साथ ही निदेशक सिम्हैंस अस्पताल डा. मनीष चौहान ने पोषण पोटली उपलब्ध कराने तथा भावनात्मक सहयोग देने के लिए 100 टीबी रोगियों तथा राही ब्लाक के कलंदरपुर कंपोजिट विद्यालय की सहायक अध्यापिका वंदना श्रीवास्तव ने टीबी ग्रसित 10 वर्षीय बच्ची को गोद लिया।
इस मौके पर मुख्य विकास अधिकारी ने सम्मानित हुए ग्राम प्रधानों को बधाई देते हुए कहा कि प्रधानमन्त्री ने देश से टीबी उन्मूलन का लक्ष्य साल 2025 रखा है जो कि ग्राम प्रधानों के सहयोग से ही संभव हो पायेगा। इस मौके पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. वीरेन्द्र सिंह
ने कहा कि टीबी लाइलाज बीमारी नहीं है।नियमित दवा के सेवन और और संतुलित व पौष्टिक भोजन के सेवन से यह पूरी तरह ठीक हो जाती है।
इसकी जाँच और इलाज स्वास्थ्य केन्द्रों पर निःशुल्क उपलब्ध है। टीबी के लक्षणों के बारे में जानना बहुत जरूरी है जिससे कि परिवार में या आस –पास किसी में यह लक्षण दिखें तो तुरंत ही अस्पताल जाकर जाँच कराएँ जिससे कि समय से इलाज हो सके। देर से पता लगने पर इलाज लम्बा चलता है। जिला क्षय रोग अधिकारी डा. अनुपम सिंह ने टीबी के लक्षणों के बारे में बताया कि हैं – टीबी के लक्षण : दो हफ्ते से ज्यादा खांसी और बुखार, बलगम में खून आना, रात के समय बुखार का बढ़ना और पसीना आना, वजन कम होना तथा भूख कम लगना।
जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी डी.एस. अस्थाना ने बताया कि टीबी रोगियों को पोषण के लिए निक्षय पोषण योजना चल रही है जिसके तहत इलाज के दौरान टीबी रोगी के खाते में हर माह 500 रूपये भेजे जाते हैं | इसके अलावा निक्षय मित्र योजना के तहत टीबी रोगियों को शैक्षिक एवं औद्योगिक संस्थाओं , समाज के संभ्रांत व्यक्तियों द्वारा व्यक्तिगत रूप से गोद लेकर हर माह पौष्टिक खाद्य सामग्री उपलब्ध कराई जाती है।
इस मौके पर एडीओ पंचायत प्रेमपाल सिंह, मनीश श्रीवास्तव, जिला समन्वयक राहुल सिंह, करुणा शंकर मिश्रा, अतुल कुमार, के.के. श्रीवास्तव, दिलीप सिंह, वरुण शर्मा,अरुण, विक्रांत और राहुल मौजूद रहे।