अवैध बांग्लादेशी नागरिकता पर हाईकोर्ट सख्त: सरोजनीनगर के देवेंद्र तिवारी की याचिका पर केंद्र व राज्य सरकार से जवाब तलब

हाईकोर्ट लखनऊ ने केंद्र, उत्तर प्रदेश सरकार और चुनाव आयोग से मांगा जवाब, घुसपैठ पर रोक की दिशा में बड़ा कदम

शकील अहमद

सरोजनीनगर, लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में सरोजनीनगर क्षेत्र के निवासी और भारतीय किसान मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष देवेंद्र कुमार तिवारी ‘रिंकू’ द्वारा दायर की गई जनहित याचिका पर लखनऊ उच्च न्यायालय ने कड़ा रुख अपनाया है। याचिका में भारत में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी प्रवासियों को नागरिकता देने और उनके पहचान पत्र बनाए जाने पर सवाल उठाए गए थे।

इस याचिका पर सुनवाई करते हुए मा० उच्च न्यायालय की खण्डपीठ ने केंद्र सरकार, उत्तर प्रदेश सरकार और भारत निर्वाचन आयोग सहित संबंधित विभागों से स्पष्ट जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।

देवेंद्र तिवारी के अधिवक्ता कार्तिकेय सिंह, जो कि ‘संस्थापक’ भी हैं, ने बताया कि – “यह आदेश न सिर्फ हिंदू हितों की रक्षा में बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी एक मील का पत्थर है। यह बांग्लादेशी घुसपैठ, अवैध नागरिकता और संभावित आतंकी गतिविधियों पर सीधा प्रहार है।”

याचिकाकर्ता देवेंद्र तिवारी ने न्यायालय के इस निर्देश को “ऐतिहासिक” बताते हुए कहा कि- “इससे भारत में चोरी-छिपे आकर बसे अवैध नागरिकों की पहचान में आसानी होगी, और घुसपैठ पर सख्त रोक लगेगी।”

यह मामला सिर्फ सरोजनीनगर ही नहीं बल्कि पूरे देश की जनसंख्या संतुलन, मतदाता सूची की शुद्धता, और कानून व्यवस्था के लिए गंभीर चिंता का विषय है। अदालत की यह पहल भविष्य में ऐसी गतिविधियों पर कानूनी शिकंजा कसने में मददगार होगी।