- सीएचसी अधीक्षक ने बिना परमिशन सरकारी शीशम के पेड़ों पर चलवा दिया आरा, जांच शुरू
- जांच टीम पहुंची सीएचसी केंद्र,कार्यवाही के आदेश पर दर्ज होगा मुकदमा
रायबरेली। आम आदमी के लिए परमिशन लेकिन सरकारी स्वास्थ विभाग के कर्मचारी/अधिकारी बिना परमिशन के ही सरकारी पेड़ों पर कटान करवा कर बेच लेते है, यह सिस्टम जरा दिमाग से परे है। जिसमें उच्च अधिकारी सहित स्थानीय पुलिस प्रशासन भी मूकदर्शक तमाशा देखता रहता है। आम आदमी एक हरी डाल काट दे तो वन विभाग व पुलिस मिनटों में पहुंच जाती है।
जानकारी के अनुसार यह पूरा मामला खीरों सीएचसी केंद्र के परिसर अंदर का है, जहां केंद्र के सीएचसी अधीक्षक भावेश सिंह है, जो अक्सर सुर्खियों में बने रहते हैं। बताया जाता है इससे पूर्व भी कई शीशम के पेड़ बिना परमिशन के काट कर बेच दिए गए, इस बार फिर सीएचसी अधीक्षक ने बिना परमिशन के सरकारी पेड़ों पर आरा चलवा कर बेचने का प्रयास किया जा रहा है।
इस मामले को लेकर स्थानीय वन विभाग के कर्मचारियों से बात की गई तो उन्होंने बताया कि एसडीएम के आदेश पर पेड़ अलाव के लिए काटे जा रहे हैं, वहीं वन रेंजर नीरज जोशी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि जांच करवाकर कार्यवाही की जाएगी। मीडिया की खबर सुर्खियों में बनने के बाद,
आखिरकर जांच टीम वन विभाग के फॉरेस्टर अवनींद्र सिंह, मनीष कुमार व वन रक्षक संतोष तिवारी सहित जगत नारायण पांडे की सम्मिलित टीम सीएचसी केंद्र खीरो पहुंची जहां जांच करते हुऎ कार्यवाही के आदेश दिये हैं अभी देखना यह है की मुकदमा दर्ज होता है या नहीं।
क्या कहते हैं एसडीएम लालगंज
इस मामले को लेकर एसडीएम लालगंज से बात की गई तो उन्होंने कहा मैंने कोई परमिशन नहीं जारी किया है, अगर ऐसी बात है तो मैं उनसे बात करता हूं। बिना परमिशन के लकड़ी कटवाना गलत है जिसके बाद सुबह होते ही जांच टीम सीएचसी केंद्र पहुंचकर घटना स्थल का जायजा लेते हुए कार्यवाही का आदेश दिया है।
चर्चा में आ गया सेमरी पीएचसी का कर्मचारी
नाम न छापने की बात कहकर सीएचसी के एक कर्मचारी ने बताया की द्विजेंद्र शर्मा एल.ए. के पद पर सेमरी पीएचसी में कार्यरत है। वह नियम विरुद्ध तरीके से सीएचसी में क्लर्क का काम देखता है। जबकि अंजनी मिश्रा की क्लर्क के पद पर तैनाती पहले से है। बहरूपिया क्लर्क सीएचसी के सभी कर्मचारियों से लेकर फील्ड में काम कर रहे सरकारी व संविदा सभी कर्मियों का भयंकर आर्थिक शोषण भी कर रहा है। जिससे सभी कर्मचारियों में नाराजगी है। फिर हाल क्या सच क्या झूठ सभी जांच के विषय है।
ठेकेदार ने पेड़ खरीदा या अलाव के लिए कीमती पेड़ कटे
भीषण ठंड में प्रधानजी लकड़ी भेजकर अलाव जलवाने का कार्य करते है तो अलाव के बहाने कीमती पेड़ कटवाना गलत जैसे तमाम सवाल शीशम के पेड़ के कटने के बाद खड़े हो गए, जबकि एसडीएम लालगंज ने साफ तौर पर पेड़ों की कटान को गलत बताया, अब सवाल यह उठता है कि सरकारी पेड़ों को बिना सीएमओ की अनुमति लिए बगैर नीलामी या कटान कैसे हुई, वहीं सीएमओ ने कहा लकड़ी बेचकर सरकारी खाते रुपया जमा करवाया जाएगा तो क्या इससे पूर्व परिसर में कटे पेड़ों का रुपया सरकारी खाते में जमा हुआ जैसे तमाम सवाल लोगों के दिमाग में कौंधने लगे। धन्य है सिस्टम और स्वास्थ्य विभाग के सिस्टम के खेल।
ठेकेदार ने पार कर दी आधी लकड़ी, वन विभाग की टीम ने की जांच, कार्यवाही तय
मामला बढ़ने पर ठेकेदार ने अधीक्षक की सह पर रात के अंधेरे में लगभग आधी लकड़ी को पार कर दिया है। पार की गई लकड़ी से मिले पैसों में बंदर बांट होना है। बिना परमिशन, शीशम के दो पेड़ काटे गए हैं। लकड़ी के तेरह बोटे और एक कुंतल जलावन को सीएचसी के चौकीदार राजेश कुमार उर्फ लाला की सुपुर्दगी में रखा गया है। मामले में कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
एसडीएम नवदीप शुक्ला ने बताया कि टीम भेज कर जांच कराई गई है, मामले में मुकदमा दर्ज कराकर कार्रवाई की जाएगी।