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सज्जाद एजुकेशन एंड वेलफेयर सोसाइटी के तत्वाधान में स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम संपन्न

Published on: 15-08-2025
  • आज़ादी का जश्न: लखनऊ की गंगा-जमुनी तहज़ीब को दिया बढ़ावा

शकील अहमद

लखनऊ। लेडी फ़ातिमा चिल्ड्रेन एकेडमी, बुनियाद बाग़ में आज़ादी का जश्न (जश्न-ए-आज़ादी) देशभक्ति और भाईचारे के रंगों से सराबोर रहा। यह कार्यक्रम, स्वतंत्रता दिवस की भावना को समर्पित था और इसमें लखनऊ की गंगा-जमुनी तहज़ीब हिंदू-मुस्लिम एकता और आपसी सम्मान की जीवंत मिसाल को खूबसूरती से उजागर किया गया। विद्यालय के प्राचार्या ने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि एकेडमी का उद्देश्य ऐसे बच्चों का निर्माण करना है जो न केवल शैक्षणिक रूप से उत्कृष्ट हों, बल्कि एकता, सम्मान और पर्यावरण संरक्षण के मूल्यों को भी अपनाएँ।

उन्होंने कहा, “स्वतंत्रता दिवस केवल स्वतंत्रता का उत्सव नहीं, बल्कि एक-दूसरे और अपने पर्यावरण के प्रति हमारे सामूहिक कर्तव्यों की याद भी है।”
इस वर्ष हमने विशेष रूप से उन मुस्लिम स्वतंत्रता सेनानियों के अद्वितीय योगदान और बलिदान को उजागर किया जिन्होंने आज़ादी की लड़ाई में अपनी जान तक न्योछावर कर दी। भारत की आज़ादी का इतिहास हिन्दू-मुस्लिम एकता और भाईचारे का प्रतीक है।

हजारों मुस्लिमों ने स्वतंत्रता आंदोलन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और अपने प्राणों का बलिदान दिया। मौलवी अहमदुल्लाह शाह फैज़ाबादी को 1857 की क्रांति का चिराग कहा जाता है, जिन्होंने स्वतन्त्रता संग्राम में नेतृत्व किया और शाहजहांपुर में शहीद हुए। अशफाक उल्ला खान, काकोरी कांड के युवा हीरो, मात्र 27 वर्ष की आयु में फाँसी पर चढ़ गये। मौलाना अबुल कलाम आज़ाद, राष्ट्रीय कांग्रेस के सबसे युवा अध्यक्ष एवं महान शिक्षा शास्त्री, बार-बार जेल गए, अल-हिलाल अखबार के जरिये आज़ादी की मशाल जलाई।

अबिद हसन सफरानी, नेताजी सुभाष चंद्र बोस के साथ, “जय हिन्द” का नारा देने वाले वाक्यांशकर्ता रहे और आज़ाद हिन्द फौज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
1857 की क्रांति और स्वतंत्रता संग्राम में मुसलमानों ने बड़ी संख्या में शहादत दी; इंडिया गेट पर दर्ज 61,945 मुस्लिम नाम इसकी गवाही देते हैं।

महिलाओं की भागीदारी में भी 225 से अधिक मुस्लिम महिलाओं ने 1857 के विद्रोह में अपने प्राणों की आहुति दी।

कार्यक्रम की मुख्य झलकियाँ

ड्रॉइंग प्रतियोगिता:

कक्षा के विभिन्न स्तरों के छात्रों ने *मेरा भारत, मेरा गौरव* विषय पर चित्रकला प्रतियोगिता में भाग लिया। नन्हे कलाकारों ने अपनी रचनात्मकता में देशभक्ति, सांप्रदायिक एकता और पर्यावरण संरक्षण के संदेश को खूबसूरती से पिरोया।

वृक्षारोपण अभियान: “एक पेड़ माँ के नाम”
विद्यालय ने एक हरित भविष्य की दिशा में कदम बढ़ाते हुए “एक पेड़ माँ के नाम” अभियान के तहत विशेष वृक्षारोपण कार्यक्रम आयोजित किया। छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों ने अपनी माताओं की स्मृति और सम्मान में पौधे लगाए, जो प्रेम, पालन-पोषण और मानवता व प्रकृति के अटूट रिश्ते का प्रतीक हैं। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ, जिसमें गर्व और एकता की भावना झलक रही थी।

सांस्कृतिक संवेदनशीलता, रचनात्मक अभिव्यक्ति और पर्यावरणीय ज़िम्मेदारी को साथ लेकर, लेडी फ़ातिमा चिल्ड्रेन एकेडमी ने एक बार फिर लखनऊ में एकता और प्रगतिशील शिक्षा के प्रतीक के रूप में अपनी भूमिका साबित की। इस मौके पर मुख रुप से सज्जाद एजुकेशन रेलवे सोसाइटी के अध्यक्ष जमाल मिर्जा, लेडी फातमा की प्रधानाचार्य, मिर्जा मोहम्मद अली सज्जाद, डॉक्टर उरूज़ फातिमा, मुर्गा मोहम्मद अली अब्बास, स्कूल के समस्त कर्मचारी अध्यापकगण उपस्थित रहे ।

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