-जनपद स्तरीय विज्ञान मॉडल प्रतियोगिता का आयोजन, नन्हे वैज्ञानिकों ने दी प्रस्तुती, दिखा आकर्षण
-राष्ट्रीय अविष्कार अभियान के तहत जिला स्तरीय एक दिवसीय विज्ञान प्रदर्शनी का हुआ आयोजन
रायबरेली। राष्ट्रीय अविष्कार अभियान के तहत जिला स्तरीय एक दिवसीय विज्ञान प्रदर्शनी का आयोजन राजकीय इंटर कॉलेज के सभागार में किया गया। ब्लॉकों से जीतकर आए ‘नन्हें वैज्ञानिकों’ का हुनर देखते ही बन रहा था। ‘नन्हें कलॉमों’ की खोज का हुनर कुछ इस तरह से था कि मॉडल देखकर हर कोई तारीफ कर रहा था।
जनपद स्तरीय विज्ञान मॉडल प्रतियोगिता में नन्हे वैज्ञानिकों ने दी प्रस्तुती सभी के आकर्षण का केंद्र रही। जीआईसी परिसर में आयोजित जनपद स्तरीय विज्ञान मॉडल प्रतियोगिता में विद्यार्थियों ने अपनी वैज्ञानिक सोच का प्रदर्शन किया। विज्ञान के विभिन्न सिद्धांतों पर आधारित आकर्षक मॉडल सजाए। पांच विजेताओं को राज्य स्तर के लिए चुना गया।
राष्ट्रीय अविष्कार अभियान के तहत जिला स्तरीय एक दिवसीय विज्ञान प्रदर्शनी का शुभारंभ जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी शिवेंद्र प्रताप सिंह, जिला समाज कल्याण अधिकारी सृष्टि अवस्थी और राजकीय इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य रत्नेश श्रीवास्तव ने किया। प्रदर्शनी का शुभारंभ करने के बाद उन्होंने सभी ब्लॉकों से आए बच्चों के मॉडल का अवलोकन किया। कार्यक्रम का संचालन कर रहे बीईओ रोहिनया डॉ. सत्य प्रकाश यादव व बृजलाल ने बताया कि इस प्रतियोगिता में जीतने के बाद अब सीधे ही बच्चे राज्य स्तर की प्रतियोगिता में प्रतिभाग करेंगे।
ये बच्चे राज्य स्तर पर करेंगे प्रतिभाग
जिला समन्वयक प्रशिक्षण दीपक श्रीवास्तव ने बताया कि राष्ट्रीय अविष्कार अभियान के तहत जिला स्तरीय एक दिवसीय विज्ञान प्रदर्शनी की क्विज प्रतियोगिता में रोहिनया ब्लॉक के इटौरा बुजुर्ग राधिका द्विवेदी प्रथम, ऊंचाहार के जमुनापुर की अंजलि दूसरे, खीरों ब्लॉक के शिवपुरी की शिफा बानो तीसरे, शिवगढ़ ब्लॉक के बाकागढ़ के राज चौथे और राही ब्लॉक के बकवारा के शोभित पांचवे स्थान पर रहे। मॉडल प्रतियोगिता में हरचंदपुर ब्लॉक के गोपालगंज की अंशु, अमावां ब्लॉक के कोड़रस बुजुर्ग के आदित्य दूसरे, रोहिनया ब्लॉक के ऐहारी बुजुर्ग की दिव्यांशी, सलोन ब्लॉक के तिवारीपुर के शिवा चौथे और छतोह ब्लॉक के चतुरपुर ब्लॉक की दिव्या पांचवें स्थान पर रही।
‘नन्हें वैज्ञानिकों’ ने बताएं अनमोल तरीके ‘नन्हें वैज्ञानिकों’ की प्रतियोगिता में बच्चों का हुनर खूब बोला। किसी बच्चे से हेलमेट से चलती गाड़ी बनाई, तो किसी ने सेंसर से काम करता हुआ कूड़ाघर, किसी ने पूरा सेंसर सहित ट्रैफिक सिस्टम तो किसी ने दिव्यांगों की अनमोल स्ट्रिक तैयार की। हरचंदपुर ब्लॉक के यूपीएस गोपालगंज के छात्र अंशु ने इलेक्ट्रानिक तरीके से चलने वाला हेलमेट बनाया था।
यह हेलमेट कुछ इस तरह का है कि जब आप हेलमेट चलाएंगे तभी ही बाइक चलेगी। कोड़रस बुजुर्ग के बच्चे से कूडाघर ऐसा बनाया था जो कि कूडा सामने आते ही अपने आप ढक्कन खुल जा रहा था। रोहनिया की दिव्यांशी ने फसलों की सुरक्षा के लिए सेंसर अलॉर्म बनाया था। यह अलॉर्म खेत के आसपास जानवर आते ही अपने आप बजने लगता है।
सलोन के शिवा ने पूरा ऐसा ट्रैफिक सिस्टम इजात किया था कि एक किलोमीटर पहले से पता आगे ट्रैफिक लगा हुआ है बत्ती रास्ता बदलने का संकेत करने लगेगी। ऐसे ही दिव्या ने सेंसर के साथ वाली छड़ी इजात की थी जो कि दृष्टिबाधित दिव्यांगों के लिए रामबाण साबित होगी। इन बच्चों के अलावा विज्ञान प्रतियोगिता में किसी बच्चे ने बाढ़ से बचने का तरीका बताया तो किसी ने अम्ल वर्षा से नुकसान में पहुंच रहे ताजमहल, किसी ने सौर ऊर्जा और पवन ऊर्जा के तरीकों को बताया था। सभी ब्लॉकों से आएं बच्चों ने अपना खूब हुनर दिया था।