नई दिल्ली: पुलिस की जांच में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसमें आरोपी मोहम्मद शाहबाज खान ने खुद को सेना का अधिकारी बताकर कई महिलाओं को ठगा है। पुलिस को जांच के दौरान पता चला कि शाहबाज खान ने मेजर हर्षित चौधरी नाम से फर्जी आधार कार्ड और आर्मी आईडी तैयार की थी, जिसके जरिए उसने देशभर में कई महिलाओं को धोखा दिया।
पुलिस के अनुसार, शाहबाज खान ने खुद को भारतीय सेना का मेजर बताते हुए मुंबई, अहमदाबाद, बहराइच और अन्य शहरों की 15 से ज्यादा महिलाओं के संपर्क में आने की बात कबूली है। वह इन महिलाओं के साथ आर्मी अधिकारी के रूप में दोस्ती करता था और फिर उन्हें ठगने की योजना बनाता था। शाहबाज खान ने अपनी पहचान को छुपाने के लिए फर्जी दस्तावेजों का सहारा लिया था, जिनमें आधार कार्ड और आर्मी आईडी शामिल हैं।
ठगी का तरीका
शाहबाज खान एक सुनियोजित रणनीति के तहत काम करता था। वह सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स और मैट्रिमोनियल साइट्स पर महिलाओं से संपर्क करता था और खुद को आर्मी का मेजर बताकर उनकी सहानुभूति और विश्वास जीतता था। इसके बाद, वह विभिन्न बहानों से उनसे पैसे ठगता था। कभी वह आर्थिक समस्या का बहाना बनाता, तो कभी आर्मी की आवश्यकताओं का हवाला देकर महिलाओं से धन की मांग करता।
पुलिस को कैसे मिली सफलता?
महिलाओं के साथ हो रही ठगी की घटनाओं की शिकायतें जब पुलिस तक पहुंचीं, तो एक विशेष टीम का गठन किया गया। टीम ने डिजिटल साक्ष्यों का विश्लेषण किया, जिसमें आरोपी के सोशल मीडिया प्रोफाइल, बैंक ट्रांजैक्शन और कॉल रिकॉर्ड शामिल थे। कई महीनों की कड़ी जांच के बाद पुलिस को शाहबाज खान के ठिकाने का पता चला और उसे गिरफ्तार किया गया।
गिरफ्तारी के दौरान पुलिस को आरोपी के पास से फर्जी दस्तावेज, आर्मी की नकली वर्दी, फर्जी आईडी कार्ड और अन्य सबूत मिले, जो उसकी ठगी के काम में उपयोग किए जाते थे।
महिलाओं से धोखाधड़ी के आरोप
जांच के दौरान सामने आया कि शाहबाज खान ने देशभर में 15 से ज्यादा महिलाओं को ठगी का शिकार बनाया है। इनमें से कई महिलाएं उसकी बातों में आकर उसे बड़ी धनराशि दे चुकी थीं। पुलिस को संदेह है कि पीड़ित महिलाओं की संख्या इससे भी अधिक हो सकती है और मामले की गहराई से जांच की जा रही है।
शाहबाज खान की गिरफ्तारी के बाद आगे की कार्रवाई
शाहबाज खान पर धोखाधड़ी, जालसाजी और फर्जी दस्तावेज बनाने के आरोपों में मामला दर्ज किया गया है। पुलिस उसकी पिछली आपराधिक गतिविधियों और संभावित सहयोगियों की भी जांच कर रही है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या उसने अकेले ही इस ठगी को अंजाम दिया या किसी गिरोह का हिस्सा था।
पुलिस ने उन सभी महिलाओं से अपील की है, जो शाहबाज खान के संपर्क में थीं, कि वे आगे आकर अपनी शिकायत दर्ज कराएं, ताकि ठगी का पूरा खुलासा हो सके और आरोपी को सख्त सजा दिलाई जा सके।
इस मामले ने एक बार फिर ऑनलाइन ठगी के खतरों को उजागर किया है और यह सिखाया है कि ऑनलाइन व्यक्तियों की पहचान की पुष्टि किए बिना उनके साथ किसी भी प्रकार का संबंध या आर्थिक लेन-देन नहीं करना चाहिए।