महाराष्ट्र और झारखंड में विधानसभा चुनावों से पहले और हरियाणा और जम्मू-कश्मीर चुनावों के ठीक बाद, राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के मुख्यमंत्रियों की परिषद की बैठक आज चंडीगढ़ में संपन्न हुई। भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए के मुख्यमंत्रियों और उपमुख्यमंत्रियों ने विकास के मुद्दों, संविधान के ‘अमृत महोत्सव’ और लोकतंत्र की “हत्या के प्रयास” की 50वीं वर्षगांठ वर्ष, जो 1975 में लगाए गए आपातकाल का संदर्भ है।
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री अमित शाह, राजनाथ सिंह और जेपी नड्डा, जो भाजपा अध्यक्ष भी हैं, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू, उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, दो उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस और अजीत बैठक में पवार, गुजरात के सीएम भूपेन्द्र पटेल, उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ और गोवा के सीएम प्रमोद सावंत शामिल हुए। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के शपथ ग्रहण समारोह के बाद यह सम्मेलन शुरू हुआ। सैनी ने दूसरी बार हरियाणा की कमान संभाली है। भाजपा ने बुधवार को एक बयान में कहा कि 13 मुख्यमंत्री और 16 उप मुख्यमंत्री उसके हैं और महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, बिहार, सिक्किम, नगालैंड तथा मेघालय के मुख्यमंत्री उसके सहयोगी दलों के हैं।
यह पिछले कुछ साल में राजग शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों का इस तरह का पहला सम्मेलन है। भाजपा और उसके सहयोगी दल अगले महीने महाराष्ट्र और झारखंड में होने वाले विधानसभा चुनावों में विपक्षी गठबंधन से मुकाबला करने के लिए तैयारी में लगे हैं। सम्मेलन में सैनी के अलावा मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव, असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा, नगालैंड के मुख्यमंत्री नीफियू रियो, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर धामी तथा अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू शामिल हुए।
बिहार के उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा, मणिपुर के मुख्यमंत्री ए बीरेन सिंह, ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी, सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग तथा त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा भी सम्मेलन में शिरकत की। बयान के अनुसार, ‘‘इस बैठक में विचार-विमर्श का एक निश्चित एजेंडा होगा जिसमें राष्ट्रीय विकास के मुद्दे शामिल होंगे। इसमें संविधान का अमृत महोत्सव मनाने और लोकतंत्र की हत्या के प्रयास की 50वीं वर्षगांठ जैसे विषयों पर भी चर्चा होगी।’’ बयान में कहा गया है कि आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री नायडू और नगालैंड के मुख्यमंत्री रियो चर्चा की शुरुआत करेंगे।