शीतकालीन सत्र की शुरुआत के साथ ही संसद का माहौल गरमा गया। राज्यसभा हो या लोकसभा—दोनों सदनों में हंगामा देखने को मिला। राज्यसभा में जहां कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के बयान पर विवाद खड़ा हुआ, वहीं लोकसभा में कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि “पीएम ने संसद को हाईजैक कर लिया है।”
असम से कांग्रेस सांसद गोगोई ने एक्स पर पोस्ट कर आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री किसी भी बड़े राष्ट्रीय मुद्दे पर जवाबदेही से बचना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि फ्लोर लीडर्स की मीटिंग में विपक्ष ने भारतीय चुनाव प्रणाली पर विस्तृत चर्चा की मांग रखी थी, लेकिन बीजेपी ने इसे सत्र के एजेंडा में शामिल करने से साफ़ इनकार कर दिया।
गोगोई का कहना था कि विपक्ष की सभी पार्टियों ने मिलकर कहा कि सरकार के एजेंडा के साथ-साथ विपक्ष के मुद्दों पर भी संसद में चर्चा होनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस सहयोग करने को तैयार है, मगर सरकार सिर्फ़ अपने बिल पास कराने में दिलचस्पी दिखा रही है और विपक्ष की आवाज़ को एजेंडा से बाहर रख रही है।
कांग्रेस सांसद ने कहा—
“हम सरकार के हर बिल में सहयोग कर रहे हैं, बस हमारी मांग इतनी है कि हमारे कुछ मुद्दों को भी चर्चा की सूची में जगह दी जाए। लेकिन सरकार की प्राथमिकता सिर्फ़ अपने बिल पास करने तक सीमित है। लोकतंत्र ऐसे नहीं चलता।”
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सरकार बोलती कुछ है और करती कुछ और—अगर वो सच में विपक्ष के मुद्दों पर चर्चा चाहती है, तो उन्हें संसद के बिज़नेस लिस्ट में शामिल करे।
