हैदराबाद के राष्ट्रपति निलयम में शनिवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भारतीय कला महोत्सव 2024 का उद्घाटन किया। आठ दिनों तक चलने वाले इस महोत्सव में पूर्वोत्तर भारत के आठ राज्यों – अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, सिक्किम, और त्रिपुरा – की कला, संस्कृति, शिल्प और पाक विविधता का प्रदर्शन किया जाएगा।
उद्घाटन समारोह में बोलते हुए राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि पूर्वोत्तर राज्यों की सांस्कृतिक विविधता, संगीत, कला और पारंपरिक परिधान देश की समृद्ध विरासत का अहम हिस्सा हैं। उन्होंने कहा कि यह महोत्सव देश के लोगों को पूर्वोत्तर की परंपराओं और समुदायों से परिचित कराने का एक अद्वितीय अवसर प्रदान करता है।
पूर्वोत्तर और दक्षिण राज्यों के बीच सांस्कृतिक सेतु
राष्ट्रपति मुर्मू ने इस महोत्सव को पूर्वोत्तर और दक्षिण भारत के राज्यों के बीच एक सांस्कृतिक सेतु बताया। उन्होंने कहा कि यह आयोजन न केवल सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देगा, बल्कि लोगों को पूर्वोत्तर की समृद्ध संस्कृति से भी जोड़ेगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि अगले आठ दिनों में बड़ी संख्या में लोग इस महोत्सव में भाग लेंगे और पूर्वोत्तर की कला एवं संस्कृति से रूबरू होंगे।
पूर्वोत्तर की विशेषता पर राष्ट्रपति की सराहना
मुर्मू ने पूर्वोत्तर के लोगों की कड़ी मेहनत, आतिथ्य और उत्साह की सराहना की। उन्होंने कहा कि जब भी वे पूर्वोत्तर का दौरा करती हैं, उन्हें वहां के लोगों का भरपूर स्नेह मिलता है। उन्होंने कहा, “देश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करना और उसका संवर्धन करना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है।”
राष्ट्रपति ने इस कार्यक्रम में भाग लेने वाले कलाकारों और अन्य प्रतिभागियों की भी प्रशंसा की। साथ ही, इस आयोजन को सफलतापूर्वक आयोजित करने के लिए केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय और पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय की सराहना की।
इससे पहले, राष्ट्रपति मुर्मू ने नालसार विधि विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में भी हिस्सा लिया।