- बदाली खेड़ा चौकी क्षेत्र में नवरात्र पर खुलेआम मीट की बिक्री, कई दुकानें बिना लाइसेंस
- स्थानीय लोग बोले–चौकी प्रभारी अपराधियों को दे रहे संरक्षण, कानून-व्यवस्था भगवान भरोसे
लखनऊ। राजधानी के सरोजनीनगर थाना क्षेत्र की चौकियों की पोल एक के बाद एक घटनाओं से खुलती जा रही है। अवध विहार कॉलोनी में दबंगों का आतंक थम नहीं रहा है, वहीं बदाली खेड़ा चौकी क्षेत्र में कानून व्यवस्था का हाल बेहाल है। दबंग, स्मैकिए और अवैध कारोबारियों के हौसले इस कदर बुलंद हैं कि लोग खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। सवाल उठता है कि चौकी प्रभारी आखिर किसकी सुरक्षा कर रहे हैं?
अवध विहार कॉलोनी में हमला और लूट
पीड़िता अनीता पत्नी चंद्र प्रकाश यादव ने पुलिस कमिश्नरेट को दी गई तहरीर में आरोप लगाते हुए बताया कि कुछ युवक जो आए दिन चौराहे पर बैठकर महिलाओं से छेड़छाड़ और राहगीरों से अभद्र व्यवहार करते थे, दिन इतवार समय लगभग रात 8:0 बजे भी हंगामा कर रहे थे। जब उनके पुत्र सोनू यादव (25 वर्ष) ने विरोध किया तो दबंगों ने आटा-चक्की में घुसकर लाठी-डंडों और चाकू से हमला बोल दिया और दबंग ₹66,700 नकद लूट ले गए। हमले में सोनू का सिर फट गया, जिसे अस्पताल में भर्ती कराया गया।
पीड़िता ने राहुल पांडे, अभय रावत, दीपक रावत, आदिल खान, मोहित उर्फ कल्लू सहित अन्य अज्ञात पर आरोप लगाया है। हमला इतना भीषण था कि अगर आसपास के लोग न आते तो जान भी जा सकती थी। आरोप है कि यह दबंग घटना के बाद भी खुलेआम जान से मारने की धमकियां दे रहे हैं, जिससे पूरा परिवार दहशत में है।
पहले भी दिखा दबंगई का खेल
बताते चलें कि कुछ दिन पहले इन्हीं दबंगों ने इसी चौराहे पर एक युवक की गाड़ी को आग के हवाले कर दिया था। मामला चौकी प्रभारी अजय यादव की जानकारी में था, लेकिन उन्होंने कोई सख्त कदम नहीं उठाया। यही वजह रही कि दबंगों के हौसले बुलंद हुए और अब उन्होंने इतनी बड़ी घटना को अंजाम दिया। साफ है कि चौकी प्रभारी से चौकी नहीं संभल रही।
पीड़िता का आरोप है कि घटना की जानकारी तुरंत सरोजनीनगर पुलिस को दी गई, लेकिन पुलिस ने गंभीर धाराओं की जगह महज बीएनएस की धारा 115(2), 352 और 351(3) में मुकदमा दर्ज कर इतिश्री कर दी। लूट और जानलेवा हमले की धारा तक नहीं लगाई गई, जिसके चलते पीड़िता ने पुलिस कमिश्नरेट को लिखित शिकायती पत्र देते हुए दबंगों पर उचित कार्यवाही करने व न्याय की गुहार लगाई है। पीड़िता का कहना है कि यदि आसपास के लोग समय पर न आते तो उसके बेटे की जान चली जाती।
बदाली खेड़ा चौकी की हकीकत: नियम-कानून को ठेंगा
- नवरात्र पर भी खुलेआम मीट की दुकानें – दर्जनों मीट की दुकानें बिना लाइसेंस के संचालित हो रही हैं।
- स्मैकियों का आतंक – नशेड़ी बंद पड़े घरों में चोरी की वारदातें कर रहे हैं, लेकिन पुलिस की गश्त सिर्फ कागजों पर।
- बिना लाइसेंस कबाड़ की दुकानें – यहां स्मैकिए चोरी का माल कबाड़ियों को बेचते हैं
बड़ा सवाल
क्या बदाली खेड़ा पुलिस चौकी का ध्यान कानून व्यवस्था पर है या अपराधियों और अवैध कारोबारियों को संरक्षण देने पर? जब चौकी प्रभारी ही दबंगों, स्मैकियों और अवैध कारोबारियों पर नकेल कसने में विफल हैं, तो जनता किससे सुरक्षा की उम्मीद करे?
उच्चाधिकारियों से गुहार
पीड़िता ने पुलिस कमिश्नरेट लखनऊ और उच्चाधिकारियों से मांग की है कि दबंगों पर कठोरतम कार्रवाई हो और सरोजनीनगर पुलिस की भूमिका की जांच की जाए। सवाल यह है कि जब चौकी प्रभारी ही दबंगों पर लगाम लगाने में विफल साबित हो रहे हैं, तो आम जनता की सुरक्षा की गारंटी कौन देगा?