महराजगंज, रायबरेली। ब्लाक क्षेत्र के गांव जमुरावां में पवन कुमार मिश्रा के यहां सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा के समापन पश्चात सोमवार को विशाल ब्रह्मभोज का आयोजन हुआ जिसमें हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने पहुंचकर प्रसाद ग्रहण किया।
वहीं रात्रि में शानदार कवि सम्मेलन का भी आयोजन हुआ जिसमें कवियों ने कविता पाठ कर समां बांध दी।
कवि अभिषेक सिंह रुस्तम ने पढ़ा, निर्दोष के विरुद्ध गवाही को बदल दे, जीवन में होने वाली तबाही को बदल दे, नाथों के नाथ विश्वनाथ कर दे जो कृपा ब्रह्मा के लिखे लेख की स्याही को बदल दे।
वहीं शिखा त्रिपाठी ने पढ़ा, प्यार अकारण सब करते थे कितने अच्छे दिन, कोई फिर से लौटा दे वे बचपन वाले दिन। राष्ट्र पुत्री समीक्षा सिंह ने कहा, पुनः सनातन उदित होगा हार कर मत बैठ जाना, एक हिंदू मैं जगाऊं एक हिंदू तुम जगाना। राकेश रुस्तम ने पढ़ा कि मोहब्बत है तो पत्थर भी पिघल कर मोम बनता है, मोहब्बत है तो हर अक्षर निकलकर ओम बनता है, मोहब्बत करके मीरा ने क्या से क्या बदल डाला, मोहब्बत है तो फिर विष भी बदल कर सोम बनता है।
कवि प्रवीण त्रिपाठी प्रवीण ने पढ़ा की प्रेम का रंग हो गईं राधा, श्याम का अंग हो गईं राधा, जुदा होके सदा सदा के लिए श्याम के संग हो गईं राधा।
इस दौरान आयोजक पवन कुमार मिश्रा ने आए हुए सभी कवियों एवं संभ्रांत नागरिकों को अंग वस्त्र भेंटकर सम्मानित किया।
इस मौके शिक्षाविद् एम.पी.अवस्थी, श्रीकांत पांडे, मटरु, यजुवेंद्र मिश्रा, सुशील चंद्र पांडे, मुख्य नगर पालिका अधिकारी ऋषिकांत यादव, डॉ शिवाकांत शुक्ला रामानुज दीक्षित, शिवकुमार शुक्ला शिव मोहन बाजपेई, सच्चिदानंद त्रिपाठी, प्रज्ञा तिवारी, मीना तिवारी, अनुराग चौधरी अमित त्रिपाठी उर्फ मोनू, राजेंद्र प्रसाद त्रिपाठी, गिरीश त्रिपाठी,गोविंद नारायण शुक्ला, इंद्रदेव शुक्ला, रूद्र प्रसाद त्रिपाठी, शिव शंकर सिंह, अरुण कुमार उर्फ दद्दू सिंह, प्रेम शंकर मिश्रा,डॉ अशोक कुमार मिश्रा सहित हजारों की संख्या में भक्तगण उपस्थित रहे।