रायबरेली। रायबरेली में कुटीर उद्योग का रूप ले चुका कच्ची शराब का धंधा जोरो से फल फूल रहा है। पुलिस व आबकारी विभाग मूक दर्शक बना हुआ है। बीते दिनों आबकारी विभाग ने अभियान चलाकर खूब छापेमारी की किंतु नतीजा शून्य रहा, क्योंकि आज भी जनपद भर मे अवैध कच्ची शराब धड़ल्ले से बेची जा रही है।
आपको बताते चले कि जिले के गुरबक्शगंज थाना क्षेत्र में पुलिस व आबकारी विभाग की सेटिंग के चलते लगभग दर्जनों गांव में कच्ची शराब का काला कारोबार मोटी कमाई का जरिया बन चुका है। वहीं केमिकल यूरिया व अन्य हानिकारक तत्वों से उत्पादित होने वाली कच्ची शराब से आए दिन कोई न कोई घटनाएं सुनने को मिल रही है। वहीं बड़ी घटना होने पर प्रशासन सिर्फ खानापूर्ति करके मामले को रफा दफा कर देते हैं।
क्षेत्र के कटरा बाजार ,बसहा बाजार, घाटमपुर, कोरिहर, गोझरी, भीतरी, सहित लगभग आधा दर्जन गांव में कच्ची शराब की भट्टिया धधक रही है।
देसी शराब की तुलना में कच्ची शराब जहां कम दामों पर मिल जाती है। वहीं यह देसी शराब की अपेक्षा अधिक नशीली भी होती है। शाम ढलते ही गांव में नशेड़ियों की भीड़ जमा होने लगती है। और तो और क्षेत्र की बाजारों में अन्य जरूरी सामान व सब्जियों की दुकानों के साथ ही खुलेआम अवैध कच्ची शराब की दुकानों भी सजी रहती है।
शराब के नशे में आए दिन सड़कों पर हादसे तो होते ही हैं ।साथ ही क्षेत्र में चोरियों का ग्राफ भी तेजी से बढ़ा हुआ है। क्षेत्रवासियों का कहना है कि जब भी कोई घटना होती है तो प्रशासन सिर्फ खानापूर्ति के नाम पर ऐसे लोगों को चौकी थाने तक लाकर फिर गठजोड़ करके छोड़ देते हैं। ठोस कार्रवाई न होने के चलते कच्ची शराब के व्यापारियों का हौसला बढ़ा हुआ है। इससे वह धड़ल्ले से अपने काम को अंजाम दे रहे हैं।
इस बाबत जिला आबकारी अधिकारी से बात की गई तो उन्होंने बताया टीम के द्वारा लगातार छापेमारी की जा रही है। ऐसे लोगों को चिन्हित किया जा रहा है। पिछले दिनों कई ठिकानों पर पुलिस बल के साथ में लेकर छापेमारी भी की गई थी।