– रावण पर विजय प्राप्त करने के बाद प्रभू श्रीराम ने विभीषण को सौंपी लंका
– भाई लक्ष्मण व पत्नी सीता के सहित वापस अयोध्या लौटे प्रभू श्रीराम, हुआ राज्यभिषेक
– भीतरगांव में चल रही रामलीला के अंतिम दिन हुआ कुम्भकरण, मेघनाथ व रावण वध का मंचन
खीरों (रायबरेली) । विकास क्षेत्र के भीतरगांव में चल रही रामलीला का मंगलवार को रावण वध के बाद रावण के पुतले का दहन कर समापन किया गया। उसके उपरांत भगवान श्रीराम ने अपने अनुज लक्ष्मण को लंका में भेजकर रावण के छोटे भाई विभीषण का राज्यभिषेक कराया। उसके बाद प्रभू श्रीराम अपने भाई लक्ष्मण व पत्नी सीता सहित वापस अयोध्या आये, जहाँ पर गुरु वशिष्ठ द्वारा प्रभू श्रीराम का राज्याभिषेक किया गया।
जानकारी के अनुसार पिछले कई वर्षो से मां आनंदी रामलीला कमेटी भीतरगांव द्वारा भीतरगांव में रामलीला का मंचन किया जा रहा है। इस बार भी बीती 5 नवम्बर से चल रही रामलीला का 12 नवम्बर को उसका समापन किया गया। अंतिम दिन की लीला में रामविलाप, कुम्भकरण वध, मेघनाथ वध, व रावण वध का मंचन किया गया। चल रही रामलीला में मंगलवार को लक्ष्मण व मेघनाथ के बीच घनघोर युद्ध हुआ, उसके बाद शेषावतार लक्ष्मण जी ने मेघनाथ का वध कर दिया। फिर उसके पश्चात राम रावण का भीषण युद्ध हुआ।
विभीषण द्वारा भेद बताने के बाद भगवान श्रीराम ने रावण का वध कर उस दुराचारी पर विजय प्राप्त कर ली। उसके पश्चात रावण के पुतले को भगवान श्रीराम के द्वारा बाण छोड़कर जलाया गया। कार्यक्रम की भूमिका निभाने वाले अरविंद सिंह (बच्चा सिंह) ने राम, हिमांशु शुक्ला ने लक्ष्मण, कृष्णा शुक्ला ने सीता, सौरभ मिश्रा (मनीष) ने रावण, गोपाल मिश्रा ने मेघनाथ, गोवर्धन शर्मा ने कुम्भकरण, रविन्दु सिंह ने हनुमान, यशपाल सिंह ने दशरथ, परशुराम व अंगद का अभिनय किया। श्रीराम सिंह और दिलीप विश्वकर्मा हास्य कलाकार की व अनिल यज्ञसैनी ने व्यास मंच की भूमिका निभाई।
कार्यक्रम की के अध्यक्ष यशपाल सिंह व उपाध्यक्ष होरीलाल सैनी एवं संरक्षक लक्ष्मीकांत मिश्रा ने आये हुए सभी कलाकारों व दर्शकों का आभार व्यक्त किया। रामलीला का निर्देशन बिल्लू मिश्रा ने किया। रामलीला मैदान में हजारों की संख्या में दर्शक व गांव के सभी सम्मानित नागरिक उपस्थित रहे। ।