- 25 हजार महिला को लखपति दीदी बनाने का दिया गया लक्ष्य
- जिले में देशी अंडा उत्पादन एवं विक्रय का सफल मॉडल बनाने, मशरूम कलस्टर बनाकर एफ.पी.ओ से जोड़े जाने का दिया गया निर्देश
जमशेदपुर (झारखंड)। समाहरणालय सभागार, जमशेदपुर में जिला दण्डाधिकारी सह उपायुक्त अनन्य मित्तल की अध्यक्षता में जे.एस.एल.पी.एस की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। उप विकास आयुक्त सह एडीएम लॉ एंड ऑर्डर अनिकेत सचान, डीपीएम जेएसएलपीएस सुजीत बारी व जेएसएलपीएस के अन्य सदस्य बैठक में उपस्थित थे । बैठक में स्वयं सहयता समूह की महिलाओं के लिए स्वरोगजार के स्थायी मॉडल निर्माण के विभिन्न बिंदुओं पर चर्चा की गई ।
जिला दण्डाधिकारी सह उपायुक्त ने डीपीएम जेएसएलपीएस को इस वित्तीय वर्ष के अंत तक 25,000 लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य दिया। उन्होने कहा कि स्वयंसहायता समूह की दीदीयां स्वरोजगार से जुड़ें, इस बाबत उनका मार्गदर्शन करें तथा आवश्यकतानुरूप तकनीकी सहायता भी प्रदान करें। खेती आधारित उत्पादों और उनके गैर-नाशवंत उप-उत्पादों जैसे टोमैटो कैचअप, फ्रोजेन मटर, खरबूजा जेली आदि के उत्पाद एवं विपणन चैनलों से जोड़ने पर चर्चा हुई।
बैठक में पशुपालन और देसी अंडा उत्पादन से जुड़े वैसे किसान जो बैकयार्ड पोल्ट्री का कार्य कर रहे हैं उन्हें संगठित कर सामूहिक रूप से प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराते हुए सफल मॉडल बनाने की रणनीति तैयार की गई। उन्होने कहा कि संभावित कलस्टर की पहचान कर किसानों को इस व्यवसाय से जुड़ने के लिए प्रोत्साहित करें। उनकी उत्पादन क्षमता का मूल्यांकन कर उन्हें किसान उत्पादक समूह (Farmer Producer Group) से जोड़ा जाएगा।
साथ ही कुटीर उद्योग के तौर पर मशरूम उत्पादन से महिलाओं को जोड़कर स्वावलंबी बनाने के लिए प्रशिक्षण, कच्चा माल, बाजार उपलब्ध कराने पर चर्चा हुई एवं मशरूम का प्रोसेस्ड प्रोडक्ट बनाने पर बल दिया गया। उक्त सभी कार्यों को फरवरी के मध्य तक क्रियान्वित किया जाने का निदेश दिया गया।
उपायुक्त ने कहा कि यह पहल ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और पूर्वी सिंहभूम जिला में महिला सशक्तिकरण के नए आयाम स्थापित करने की दिशा में एक बड़ा कदम होगा । साथ ही उपभोक्ताओं को स्थानीय स्तर पर तैयार पौष्टिक उत्पाद भी उचित दाम में उपलब्ध हो सकेगा।