-भारत वर्ष को फाश के रूप में स्थापित करने में संस्थान की महत्वपूर्ण भूमिका : डॉ0 जी0के0 गोस्वामी
-समाज को नदी की तरह निरन्तरता बहते रहना चाहिए : न्यायमूर्ति राजीव सिंह
शकील अहमद
लखनऊ। उत्तर प्रदेश स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ़ फॉरेंसिक साइंस, लखनऊ में 75 वें संविधान दिवस के अवसर पर आयोजित दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय कान्फ्रेंस का समापन समारोह सम्पन्न हुआ। समापन समारोह के मुख्य अतिथि न्यायमूर्ति राजीव सिंह, इलाहाबाद हाइकोर्ट, लखनऊ-बेन्च, लखनऊ एवं विशिष्ट अतिथि प्रदेश सरकार के मंत्री असीम अरूण एवं मुख्य सूचना आयुक्त, आर0 के0 विश्वकर्मा थे।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि न्यायमूर्ति राजीव सिंह ने कहा कि समाज को नदी की तरह बहते रहना चाहिए यदि उसमें निरन्तरता बनी रहेगी तो दो किनारे समानांतर चलते रहेंगे, समस्या आने अथवा नदी के जैसे सूख जाने पर किनारे समाप्त हो जाते हैं और किनारों का अस्तित्व समाप्त हो जाता है । इस तरह जब समाज में अपराध की स्थिति बढ़ती है तब समाज की दशा खराब हो जाती है ।
उन्होंने छात्रों एवं सभागार में उपस्थित विभिन्न संस्थाओं के गणमान्यों को संबोधित करते हुए अपने जीवन के अनुभव एवं कुछ केस स्टडी को भी साझा किया। इस अवसर पर मंत्री समाज कल्याण असीम अरुण ने संविधान दिवस के अवसर पर आयोजित अंतर्राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस के समापन की बधाई दी एवं कहा कि इस संस्थान के संस्थापक निदेशक डॉ0 जी0 के0 गोस्वामी ने स्वयं को एक ग्लोबल एक्सपर्ट के रूप में तैयार किया है।
डॉ0 गोस्वामी मात्र उत्तर प्रदेश अथवा भारत के विषय विशेषज्ञों के रूप में नहीं जाने जाते हैं बल्कि इन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जाना जाता है। अरूण ने यह भी कहा कि माननीय प्रधानमंत्री मोदी जी का संकल्प भारत को विकसित करने का है, हम भारत को ‘विकसित भारत’ कैसे बना सकते हैं, इस पर हमें लगातार विचार करना होगा। जब तक हम अपनी विशेषज्ञता नहीं बढ़ाएंगे, तब तक हम विकसित कैसे हो सकते हैं ।
यह संस्थान प्रदेश के लिए एक महत्वपूर्ण संस्थान हैं। उन्होंने कहा कि मुझे खुशी हो रही है कि मंच पर आज पूर्व डीजीपी आर0 के0 विश्वकर्मा उपस्थित है, जिन्होंने कभी इस संस्थान का बीज बोया था, जिसे डॉ0 गोस्वामी संस्थापक निदेशक के रूप में सींच रहे हैं। हमें अपराधियों से आगे तकनीकी का उपयोग करने की विशेषज्ञता हासिल करनी होगी।
इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि आर0के0 विश्वकर्मा, मुख्य सूचना आयुक्त ने कहा कि प्रदेश में फॉरेन्सिक से सम्बन्धित कमियों को यह संस्थान निश्चित रूप से दूर करेगा। हमें याद है कि जब मैं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, अलीगढ़ ने मा0 मुख्यमंत्री ने पुलिस अधिकारियों की संस्तुति पर हमें न्यूयार्क पुलिस के फारेन्सिक लैब के देखने के लिए भेजा था, जिसे देखकर उत्तर प्रदेश पुलिस हेतु भी इस तरह के फॉरेन्सिक लैब की परिकल्पना की गयी थी, जिसे आज मैं पूर्ण होते देख रहा हूँ।
उन्होंने कहा कि हमारे विवेचकों को और अधिक प्रशिक्षण की आवश्यकता है, जो साइबर सिक्योरिटी एवं साइबर अपराध के प्रकरणों को गहनता से समझ कर उनका निराकरण कर सकें। मेरा विश्वास है कि यह संस्थान शीघ्र ही विश्वविद्यालय के रूप में परिवर्तित होगा। उन्होंने अपने मीरजापुर और बदायूँ में साइबर फ्रॉड के दो घटनाओं का भी जिक्र किया।
इस अवसर पर संस्थापक निदेशक, डॉ0 जी0के0 गोस्वामी ने समस्त मंचासीन अतिथिगणों को स्मृति चिह्न भेंट करते हुए कहा कि यह संस्थान शीघ्र ही भारत वर्ष को फोरेंसिक एस सर्विस के रूप में स्थापित करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगा। निश्चित रूप से आने वाला समय फाश का ही है, जिसके लिए हमें सतत् रूप से तैयार रहना होगा।
कान्फ्रेन्स के व्याख्यान सत्र में प्रो0 अरविन्द कुमार तिवारी टीआईएसएस मुम्बई, डॉ0 रणजीत सिंह एसआईएफएस, नई दिल्ली, डॉ0 कुमार असकन्द पाण्डेय आरएमएलएनएलयू, लखनऊ, पवन शर्मा भावित डिजीटल, यूएसए, उपेंद्र गिरि अपबिल्ड ग्लोबल इंक, यूएसए और नेहा जैन आईटी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स लखनऊ, कर्नल हरकमल सिद्धू(साइबर रक्षा विशेषज्ञ एवं एनसीएससी, पीएमओ, बालाजी वेंकटेश्वर साइबररक्षा शोधकर्ता, रोहित नेगी सी3आईहब, आईआईटी कानपुर, राजेश यादव पुलिस मुख्यालय, लखनऊ और डॉ. पी.वी. जीजू डीएफएसएस, नई दिल्ली, डॉ0 ए.बी. पंत सीएसआईआर-आईआईटीआर, लखनऊ, डॉ. जी. खान मेडिको-लीगल विशेषज्ञ, लखनऊ, मानवेंद्र सिंह कम्प्यूटेशनल बायोलॉजिस्ट, जर्मनी, समीर दत्त (फोरेंसिक गुरु): शिव कुमार पांडे; सप्तऋषि बसु शोधकर्ता ने छात्रो को सम्बोधति किया तथा औद्योगिक क्षेत्र के उद्यमी हेमंत मेडिडी क्यूआईएजीईएन, इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, मुकेश सिंह इंडो-अमेरिकन चैंबर ऑफ कॉमर्स, एवं हेमंत शाह क्विक सॉफ्ट सॉल्यूशन के वक्ता ने भी कार्यक्रम में प्रतिभाग किया।
इस अवसर पर प्रो. जोस एंटोनियो लोरेंटे विधि-चिकित्सा विभाग, विष-विज्ञान, ग्रेनेडा विश्वविद्यालय, स्पेन तथा प्रो. रॉबर्ट ग्रीन ओबीई, केंट विश्वविद्यालय, कैंटरबरी ने ऑनलाइन प्रतिभाग करते हुए छात्रों को सम्बोधित किया तथा छात्रों को डीएनए एवं फॉरेन्सिक विशेषज्ञता के गुण सिखलायें। इसके साथ ही अमिताभ यश, अपर पुलिस महानिदेशक, कानून एवं व्यवस्था, अनिल कुमार सागर प्रमुख सचिव, औद्योगिक विकास, अरविन्द चतुर्वेदी, पुलिस अधीक्षक, सतर्कता ने भी साइबर सिक्योरिटी विषय पर व्याख्यान दिया।
कार्यक्रम के अन्त में जनसम्पर्क अधिकारी, संतोष तिवारी द्वारा लिखित नाटक ‘बड़े धोखें हैं, इस राह में’ का छात्र-छात्राओं ने मंचन किया। नाटक के माध्यम से छात्र एवं छात्राओं ने साइबर फ्रॉड से बचने के तरीकों पर जागरूकता प्रदान किया। कार्यक्रम में राजीव मल्होत्रा, अपर निदेशक ने किया। कार्यक्रम में चिरंजीव मुखर्जी, उपनिदेशक, अतुल कुमार यादव, प्रशासनिक अधिकारी, बृजेश सिंह; डॉ0 रोशन सिंह; डॉ0 सौरभ यादव; डा0 श्रुति दासगुप्ता, चन्द्र मोहन सिंह आदि उपस्थित रहें।