शमशाद सिद्दीकी
लखनऊ। राजधानी लखनऊ में उत्तर प्रदेश लेखपाल संघ उपशाखा सरोजनीनगर के सगरत लेखपाल तहसील प्रांगण में विन्देश कुमार रावत के समर्थन में लेखपाल संघ ने विरोध प्रदर्शन किया। यह धरना सतर्कता अधिष्ठान के कर्मचारियों द्वारा धमकी दिए जाने और साजिशन ट्रैप किए जाने के खिलाफ आयोजित किया गया।
लेखपाल विन्देश कुमार रावत ने सरकारी भूमि पर अवैध प्लॉटिंग को रोकने का प्रयास किया था, जिसके बाद उन्हें सतर्कता अधिष्ठान के मोबाइल नंबर से 18 दिसंबर 2024 को धमकी मिली। उन्होंने तत्काल इसकी सूचना तहसीलदार सरोजनीनगर को व्हाट्सएप पर दी और उच्चाधिकारियों को भी अवगत कराया। इसके बाद, 31 दिसंबर 2024 को रावत को जबरन गाड़ी से उठा लिया गया।
रावत के साथ गाड़ी में मौजूद उनके रिश्तेदार ने बताया कि मौके पर कोई रिश्वत की धनराशि बरामद नहीं हुई। विजिलेंस ने अपनी FIR में भी बरामदगी की बात मुख्यालय में दर्शाई है, न कि मौके पर FIR में उल्लेख है कि रावत के खिलाफ शिकायत 30 दिसंबर 2024 को दर्ज कराई गई थी, जबकि उन्हें 18 दिसंबर 2024 को ही धमकी दी गई थी। इससे स्पष्ट होता है कि यह पूरी कार्यवाही संदिग्ध है और निजी रंजिश के कारण की गई प्रतीत होती है।
धरने में लेखपाल संघ के अध्यक्ष सुधीर कुमार शर्मा, सचिव नीतू यादव, उपाध्यक्ष अविनाश चंद्र व आशीष कुमार, उपमंत्री अमृतांजलि सिंह, कोषाध्यक्ष विश्राम, और लेखा परीक्षक अमिता वाष्र्णेय ने भाग लिया। इनका कहना है कि सतर्कता अधिष्ठान के कर्मचारी जिनके रिश्तेदार द्वारा ग्राम गहरू में अवैध प्लॉटिंग की जा रही थी, उन्होंने साजिशन फर्जी ट्रैपिंग करवाई है।
लेखपाल संघ ने इस पूरे घटनाक्रम की उच्च स्तरीय मजिस्ट्रेटिक जांच की मांग की है। उन्होंने अवैध प्लॉटिंग करने वालों के खिलाफ FIR दर्ज कराने और विधिक कार्यवाही के लिए लखनऊ विकास प्राधिकरण व रेरा को पत्र निर्गत करने की मांग की है। लेखपाल संघ का यह प्रदर्शन तब तक जारी रहेगा, जब तक उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जाता।