- लापरवाह जिम्मेदारों पर क्यों नहीं हुई कार्यवाही, उप मुख्यमंत्री सहित तहसील/पुलिस/लेखपाल को मिले आदेश ठंडे बस्ते क्यों!
एसके सोनी
रायबरेली। सरकार के अवैध जमीनों से कब्जा मुक्त के दावे पर जनपद के खीरों ब्लॉक के पुलिस लेखपाल सहित अन्य तहसील प्रशासन के अधिकारी कर्मचारी पर बड़े सवाल खड़े करता है, बीते कई सालों से पुलिस प्रशासन व जिले के उच्चाधिकारियों को दिए शिकायती पत्र पर आदेश के बावजूद आखिरकार ब्लॉक/तहसील के अधिकारी कब्जा मुक्त में हीलाहवाली क्यों करते है। बताया जाता है कि गांव के अंजनी कुमार पुत्र स्व रामराज निवासी ग्राम नुनैरा थाना खीरों रायबरेली के पिता रामराज 2017 से रास्ते पर अवैध कब्जा को लेकर कार्यवाही की मांग करते रहे किए लेकिन जुलाई 2022 में अचानक उनका निधन हो गया।
अब पुत्र अंजनी कुमार रास्ता न होने के कारण और पिता अचानक गुजर जाने के बाद रामकरन पुत्र अयोध्या ने मेड काटकर आने जाने का मार्ग बाधित कर दिया जिसके कारण खेती किसानी बंद करके पीड़ित मजदूरी करके अपने रास्ते को लेकर लड़ाई लड़ता रहा। थाना दिवस से लेकर उपमुख्यमंत्री श्री केशवप्रसाद मौर्य तक शिकायती पत्र दिये गए है जिसके बाद उपमुख्यमंत्री ने 22/12/2023 को नाली चकरोड तालाब खाली करवाने के आदेश दिये, तहसील के अधिकारियों ने इस आदेश को नजर अंदाज कर दिया।
शिकायतकर्ता को रास्ता देने का आश्वासन दे दिया गया, बावजूद कागजी कार्यवाही के अनुसार सरकारी जमीन खाली दिखाकर मामले को रफा दफा कर दिया गया, पीड़ित के मोबाइल में मैसेज आया कि नाली संख्या 137 चकरोड संख्या 138 तालाब संख्या 133 व 134 खाली कराकर भू माफियाओं को बता दिया जाये की दोबारा जमीन पर कब्ज़ा किये जाने पर कड़ी कार्यवाही की जाएगी।
फिर हो गया कब्जा, खड़ी हो गई फसल, आखिर किसकी मिली भगत साहब!
डीएम को दिए शिकायती पत्र में बताया गया कि सरकारी जमीन पर वर्तमान 27/01/2025 को भी भू माफियायों ने अवैध कब्जा बरकरार है, वही दबंगई के कारण फसल तैयार कर रहे है। क्षेत्रीय लेखपाल के द्वारा बीते काफी महीनो से पीड़ित को तारीख पर तारीख देकर गुमराह किया गया।
पीड़ित किसान समाजसेवा के साथ गेंदा, गुलाब सब्जी जैसी खेती करता है। पीड़ित का आरोप है कि उस पर जानलेवा हमला भी हुआ, जान से मारने की धमकी भी दे दी गयी, पीड़ित को परेशान किया जा रहा है। शिकायत करने पर आए दिन पीड़ित को धमकियां दी जाती है और कुछ जिम्मेदार लोगो के द्वारा कहा जाता है, आवाज ना उठाओं तुम्हे रास्ता मिल जायेगा।
तस्वीर में दिख रही महिला तालाब की जमीन में आती है, वहीं अमृत सरोवर के काम भी अधूरा पड़ा है, यह पूरा मामला तालाब संख्या 133, 134 नाली संख्या 137 चकरोड संख्या 138 का बताया जा रहा है।
अब देखना यह है कि सरकारी जमीन पर अवैध कब्जे को पुलिस व प्रशासन द्वारा कब तक मुक्त कराया जाता है यह तो समय तय करेगा।