दमोह ब्यूरो चीफ पुष्पेन्द्र रैकवार हटा पुष्पेन्द्र पाण्डे मोनू
चिन्हित कुपोषित बच्चो को एन.आर.सी. मे भेजा जाना सुनिश्चित किया जाये
आंगनवाड़ी प्रतिदिन प्रातः 9 बजे से अपरान्ह 3 बजे तक खुलें
अपरान्ह 3 बजे से अपरान्ह 4 बजे तक ग्राम भ्रमण और ग्रह भेट का कार्यक्रम प्रतिदिन किया जाए
महिला बाल विकास एवं स्वास्थ्य विभाग की संयुक्त बैठक संपन्न
जिले की आंगनबाड़ियों में बच्चों, गर्भवती माताओं, धात्री माताओं को पर्याप्त पोषण, पोषण आहार और जीरो से 6 साल के सभी बच्चों की जो सारी व्यवस्थाएं हैं, वे व्यवस्थित रहे। आंगनबाड़िया समय पर खुले और आंगनबाड़ियों में बच्चों के पोषण और माताओं के पोषण का पूरा ध्यान रखा जाना सुनिश्चित किया जाये। इस आशय के निर्देश आज कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर ने आंगनवाड़ी सुपरवाइजर और स्वास्थ्य विभाग की आयेाजित बैठक में दिये। इस अवसर पर जिला कार्यक्रम अधिकारी, सीडीपीओ और परियोजना अधिकारी आदि मौजूद रहे।
कलेक्टर श्री कोचर ने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित करते हुये कहा आंगनवाड़ी प्रतिदिन प्रातः 9 बजे से अपरान्ह 3 बजे तक खुलें। अपरान्ह 3 बजे से अपरान्ह 4 बजे तक ग्राम भ्रमण और ग्रह भेट का कार्यक्रम प्रतिदिन किया जाए। बैठक में कलेक्टर श्री कोचर ने इसके अलावा भी कई अन्य विषयों पर समीक्षा की। उन्होंने कहा आंगनबाड़ियों के सुदृणीकरण के लिए, महिलाओं और बच्चों के पोषण के लिए जो भी आवश्यक कदम उठाए जाने हैं, उठाए जाएंगे।
उन्होंने महिला एवं बाल विकास की मासिक समीक्षा बैठक परियोजना एवं सेक्टरवार की। जिसमे विभाग द्वारा संचालित समस्त योजनाओं पर पीपीटी के माध्यम से बिन्दुबार अवलोकन करते हुये जिला कार्यक्रम अधिकारी, परियोजना अधिकारी एवं सुपरवाइजरों को समुचित दिशा निर्देश दिए गये।
समीक्षा के दौरान पर्यवेक्षकों एवं परियोजना अधिकारियों द्वारा पोर्टल पर आ रहे तकनीकि समस्याओं के संबध मे कार्यालय से पत्र दिया जाये ताकि समस्याओं का शीध्र निराकरण हो एवं लक्ष्य के विरूद्व शत-प्रतिशत उपलब्धि हासिल कि जा सके, साथ ही स्वास्थ्य विभाग को निर्देशित किया गया कि योजना के लाभ हेतु एम.सी.पी. कार्ड समय पर बनाया जाये व एएए (आशा/ए.एन.ए./आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं) की बैठके नियमित कि जाये एवं ग्रासरूट लेविल पर जिन समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है उनको अंतर विभागीय समन्वय के साथ निपटरा किया जाये एवं इन बैठको की नियमित एवं सघन मॉनिटरिंग का मैकेनिज्म बनाया जाये, साथ ही यदि समस्याओं का हल वहां से नही होता है तो तुरंत ही अधिकारियो तक वह प्रेषित कि जाये ताकि ।
एन.आर.सी. की समीक्षा कर निर्देश दिये गये कि परियोजनावार चिन्हित कुपोषित बच्चो को एन.आर.सी. मे भेजा जाना सुनिश्चित किया जाये।
साथ ही विभागो के समन्वय के साथ अप्रैल एवं मई माह मे रोके गये बाल विवाहो पर प्रसन्नता जाहिर करने हुये कहा कि हमारा प्रयास यही तक नही रूकना चाहिये बल्कि हमे इस कानून का व्यापक प्रचार प्रसार करना चाहिये।
बैठक के अंत मे कलेक्टर श्री कोचर ने वन टू वन परियोजना अधिकारियो एवं पर्यवेक्षकों से बात करते हुये फील्ड स्तर से आने वाली चुनौतियां एवं समस्याओं के बारे मे जाना, जिसमे पाया गया कि कुछ समस्याओं का निराकरण अंर्तरविभागीय समन्वय के साथ शीध्र किया जा सकता है। इस हेतु जिला कार्यक्रम अधिकारी एवं सहायक संचालक महिला एवं बाल विकास विभाग को निर्देशित किया गया कि जिला एवं राज्य स्तर से जो भी समस्या का हल किया जा सकता है उन्हे शीध्र ही पत्राचार के माध्यम से अवगत कराया जाये, ताकि शीध्र से शीध्र समस्याओं का हल हो और विभागीय योजनाओ का निष्पादन शत-प्रतिशत किया जा सके।