झांसी: नगर के मेडिकल क्षेत्र स्थित श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र सांवलिया पार्श्वनाथ करगुंवाजी में 10 वर्षों के लंबे अंतराल के बाद “जीवन है पानी की बूंद” महाकाव्य के रचयिता आचार्य श्री विमर्शसागर जी महाराज सहित 24 दिगम्बर साधु-साध्वियों का मंगल आगमन हुआ। इस अवसर पर कानपुर चुंगी पर सैंकड़ों जैन श्रद्धालुओं ने आचार्य श्री के चतुर्विध संघ का भव्य स्वागत किया। जगह जगह भक्तों द्वारा आचार्य श्री का पाद प्रक्षालन कर मंगल आरती की गई। झांसी में पूर्व से विराजमान मुनिश्री अविचलसागर जी महाराज सहित त्रय मुनिराजों ने आचार्य श्री को भक्तिपूर्वक नमस्कार कर आगवानी की। आचार्य श्री ने मुनिराजों को गले से लगाकर धर्म वात्सल्य प्रकट किया। जैन श्रमण परम्परा की दो धाराओं के संत मिलन के इस अद्भुत वात्सल्यमयी दृश्य को देखकर उपस्थित श्रद्धालुओं ने हर्षपूर्वक जयघोष किया। हजारों श्रद्धालुओं सहित बैंड बाजों,धर्मध्वजाओं के साथ भव्य शोभायात्रा सुप्राचीन जैन तीर्थस्थल करगुंवा जी पहुंची जहां श्री विमर्श जागृति मंच,झांसी के तत्वावधान में धर्मसभा का आयोजन हुआ। आचार्य श्री विमर्शसागर जी महाराज ने अपनी ओजस्वी वाणी में धर्मसभा को संबोधित करते हुए कहा कि एक वक्त झांसी रणभूमि रही लेकिन संतो के निरंतर आगमन से अब यह संत चरण भूमि बन गई हैं। जब एक दिगम्बर संत का दूसरे दिगम्बर संत से मिलन होता है तो समझो कि णमोकर मंत्र का णमोकर मंत्र से मिलन हो रहा है। उन्होंने आगे कहा कि जिस तरह संत आपस में प्रेम,वात्सल्य आत्मीयता के साथ मिलते है ऐसे ही समाज को भी सौहाद्रपूर्ण तरीके से रहना चाहिए। इसके पूर्व मुनिश्री अविचलसागर जी महाराज ने धर्मसभा में विनय पूर्वक आचार्यश्री की भक्ति करते हुए उनसे पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव में सानिध्य प्रदान करने का आग्रह किया। इसके पूर्व श्रीमति प्रमिला जैन नगरा को आचार्यश्री के पाद प्रक्षालन करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। श्रीमति सुरेखा- मनोज नायक ने आचार्यश्री के कर-कमलों में शास्त्र भेंट किया। संघस्थ बाल ब्रह्मचारिणी विशु दीदी के निर्देशन व सौरभ जैन गीतकार एवं कु.शालू जैन के मधुर भजनों के माध्यम से झांसी नगर के विभिन्न जैन महिला मण्डलों द्वारा आचार्य श्री के चरणों में अष्टमंगल द्रव्य समर्पित कर पूजन भक्ति आराधना की गई।
इस अवसर पर सकल दिगम्बर जैन समाज की ओर से उत्तरांचल तीर्थ क्षेत्र कमेटी के महामंत्री प्रवीण जैन एवम् युवा समाजसेवी सौरभ जैन सर्वज्ञ ने आचार्य श्री से आगामी 14 दिसंबर को दीक्षा दिवस महोत्सव का कार्यक्रम झांसी नगर में करने का आग्रह कर आर्शीवाद ग्रहण किया।
इस अवसर पर विमर्श जागृति मंच,झांसी के युवा पदाधिकारी दिव्यांश सिंघई,यश जैन,शुभम जैन जैरी,सौरभराज जैन,अमन मोदी,मयंक जैन लाला,अनूप जैन सनी,अर्पित जैन अनी,मासूम जैन,शुभम जैन छोटू,अनिल जैन पारस टैंट,रवि जैन कटरा,राहुल जैन चाय,आकाश जैन,आग्रह जैन, पारस जैन सीपरी,अंकुर जैन,विवेक जैन भगतजी,वैभव जैन सीपरी,अविनाश मड़वैया, अखिल भारतीय विनिश्चय ग्रुप के अध्यक्ष राजीव जैन सिर्स, व्यापारी नेता शैलेन्द्र जैन,पंचकल्याणक महोत्सव समिति के अध्यक्ष वीरेन्द्र कुमार जैन (सेवानिवृत आई.एफ.एस.), उपाध्यक्ष डॉ निर्देश जैन,महामंत्री राजेश जैन (पूर्व सभासद), कोषाध्यक्ष वी.के. मोदी, मुख्य संयोजक संजय सिंघई, इंजि हुकुमचंद जैन,संयोजक विनोद जैन ठेकेदार, दिनेश जैन डीके, खुशाल जैन,गौरव जैन नीम,अंकित सर्राफ, दीपांक सिंघई,पंचायत ऑडिटर राजकुमार भण्डारी,मनोज सिंघई,अलंकार जैन, डॉ राजीव जैन, डॉ अभिषेक जैन,अशोक जैन रतनसेल्स,सुभाष जैन सत्यराज,आशीष जैन माची,नरेश जैन मल्लन,विशाल जैन गुदरी, वीरेन्द्र जैन बुडपुरा, आलोक जैन विश्वपरिवार,आशीष जैन तहसील, अमीष बड़जात्या,देवेश जैन के.डी.,सिद्धार्थ जैन करगुंवा,नितिन जैन,निशांत जैन,संदीप जैन,अंशुल जैन,बाहुबली जैन,विपिन जैन ओम बिजली,मनोज जैन अछरौनी,ऋषभ जैन पड़रा,संजय जैन छतरपुर,राजेंद्र बड़जात्या,विजय जैन,कमलेश जैन,पुष्पेंद्र जैन (जैन हैण्डलूम),संदीप जैन सदर,पदवेंद्र जैन गुड्डू , इंजी.एम. के. जैन,राजेश जैन दीनदयाल नगर,नवीनबाबू जैन,विशाल सिंघई, महिला जैन समाज की संरक्षिका शीला सिंघई,अध्यक्षा श्रीमती सरोज जैन,सुधा सर्राफ,कल्पना जैन,ममता जैन,पिंकी जैन,मेघा जैन महरौनी,पूजा जैन, प्रिया जैन,सीमा नायक,सारिका बड़जात्या,पूनम जैन,मनीषा सिंघई,नेहा जैन,सारिका सिंघई,अनीता जैन,रेनू जैन,रूपम जैन,आकांक्षा जैन,दीपाली सिंघई आदि उपस्थित रहें। कार्यक्रम का संचालन यश सिंघई एवम् आभार सौरभ जैन व दिव्यांश जैन ने व्यक्त किया।
जीवन है पानी की बूंद” महाकाव्य के रचयिता आचार्य श्री विमर्श सागर का हुआ झांसी नगर आगमन