झांसी: श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र सांवलिया पार्श्वनाथ करगुंवाजी में चल रहे श्रीमज्जिनेन्द्र नेमिनाथ जिनबिम्ब पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव में तीर्थंकर भगवान के गर्भकल्याणक के उत्तर रूप की पूजा भक्ति आराधना करते हुए महाअर्घ समर्पित किए गए। प्रातः काल की बेला विश्व में सुख,शांति समृद्धि की मंगल कामना के साथ श्रीजी का अभिषेक एवम् शांतिधारा करने का सौभाग्य संजय सिंघई, राजीव ड्योडिया (अरिहंत मेडिकल), सौधर्म इन्द्र वीरेन्द्र कुमार जैन, कुबेर इन्द्र डॉ निर्देश जैन,प्रथम यज्ञनायक विशाल सिंघई,ऋषभ कुमार जैन,राजीव जैन शिवाजी, सीए सुमत जैन, डॉ अर्पित जैन,बृजेंद्र मोदी,सुबोध जैन, इंजि हुकुमचंद जैन,तरुण जैन,संजय ड्योडिया,नरेश जैन मल्लन, डॉ सिद्धार्थ जैन,सलिल जैन चिरगांव,राकेश चौधरी बरुआसागर, डॉ आर.बी.जैन, सुनील जैन,प्रदीप जैन छतरपुर,विकास जैन सहित सैंकड़ों इंद्रोें को प्राप्त हुआ। इस अवसर पर पूज्य मुनिश्री अविचल सागर जी महाराज ने धर्मसभा को संबोधित करते हुए तीर्थंकर की माता पिता बनने का सौभाग्य बड़े ही पुण्यशाली जीवों को प्राप्त होता हैं। करोड़ों जन्मों के पुण्य जब एक साथ उदित होते हैं तब तीर्थंकर प्रकृति का बंध होता है। तीर्थंकर बालक जब माता के गर्भ ने आते है तो माता को सोलह स्वप्नों के माध्यम से शुभ लक्षण दिखाई पड़ते है जिसका समाधान वह अपने पति परमेश्वर राजा नाभिराय से प्राप्त करके अपने पूर्व जन्मों के पुण्य की सराहना करती हैं। इसके पूर्व मुनिश्री गुरुदत सागर जी महाराज ने भी धर्मोपदेश दिया। इस अवसर पर सिंघई अंजलि-डॉ राजीव जैन के सुपुत्र आर्जव जैन को युवराज नेमिकुमार, व श्रीमति प्रीति – राजीव ड्योडिया की सुपुत्री आर्या जैन को जूनागढ़ राजकुमारी राजुल बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।
प्रचार प्रसार संयोजक सौरभ जैन सर्वज्ञ ने बताया कि जैन दर्शन के कथानुसार युवराज नेमिकुमार, श्रीकृष्ण के चचेरे भाई थे जिनकी बारात जूनागढ़ तक पहुंची तो थी लेकिन पशुओं को बंधन में बंधा देख उनके मन में वैराग्य उत्पन्न हो गया।उन्होंने विवाह को छोड़कर वन में जाकर जिनदीक्षा ग्रहण कर मोक्षपद प्राप्त किया। गुरुवार 14 दिसम्बर को प्रातः 10:30 बजे युवराज नेमिकुमार की बारात आयोजन के समस्त मुख्य पात्र (राजा महाराजाओं) सहित जैन तीर्थ करगुंवा जी से बड़े ही धूमधाम से निकाली जाएगी। जिसमें अनेकों श्रद्धालु उपस्थित रहेंगे।
पंचकल्याणक महोत्सव समिति के महामंत्री राजेश जैन (पूर्व सभासद) ने बताया कि बुधवार 13 दिसम्बर को जन्मकल्याणक महोत्सव के अवसर पर प्रातः 6:30 बजे से नित्यनियम अभिषेक,शांतिधारा,पूजन होगी। प्रातः 7:30 बजे बालक आदिकुमार का जन्मोत्सव के अवसर पर बधाई नृत्य प्रस्तुत किए जायेगें। प्रातः 9:30 बजे मुनिश्री के मंगल प्रवचन के पश्चात प्रातः 10 बजे सौधर्म इन्द्र सहित समस्त इंद्राओं द्वारा आयोध्यानगरी से तीर्थंकर बालक को ऐरावत हाथी पर बैठकर भव्य शोभायात्रा के साथ सुमेरू पर्वत पर स्थित पांडुकशिला पर ले जाकर 1008 कलशों से जन्माभिषेक किया जायेगा। शचि इंद्राणी द्वारा बालक का श्रंगार किया जाएगा। सांय 7 बजे मंगल आरती पश्चात शास्त्र सभा और रात्रि 8 बजे से तांडव नृत्य, आदिकुमार का पालना,बाल क्रीड़ा का मनोहारी प्रदर्शन होगा।
कार्यक्रम का संचालन यश सिंघई एवम् आभार संजय जैन कर्नल ने किया।
पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव में माता के गर्भ में आए तीर्थंकर भगवान